वॉशिंगटन: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि न्यूयॉर्क में गोपनीय भुगतान (हश मनी) मामले में शुक्रवार को होने वाली सजा को रोक दिया जाए। ट्रंप के वकीलों ने बुधवार को शीर्ष कोर्ट का रुख किया, क्योंकि न्यूयॉर्क के अदालतें सजा टालने की उनकी अपील को खारिज कर चुकी थीं।
जज जुआन एम मर्चन को करना है फैसला
हश मनी मामले में सजा न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन तय करेंगे, जिन्होंने मई में ट्रंप को 34 आपराधिक आरोपों में दोषी ठहराया था। ट्रंप पर आरोप थे कि उन्होंने अपने व्यापारिक लेन-देन को छिपाने या गलत तरीके से दिखाने के लिए कुछ दस्तावेजों में हेरफेर की।
न्यायाधीश मर्चन ने यह संकेत दिया है कि वह ट्रंप को जेल की सजा, जुर्माना या परोल (शर्तों पर रिहाई) नहीं देंगे।
ट्रंप के वकील सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला दे रहे हैं, जिसमें यह कहा गया था कि राष्ट्रपति को कुछ मामलों में आपराधिक आरोपों से सुरक्षा (इम्युनिटी) मिलती है।
उनका कहना है कि इस फैसले के आधार पर ट्रंप के खिलाफ जो सबूत न्यूयॉर्क के हश-मनी मामले में इस्तेमाल हुए हैं, उन्हें राष्ट्रपति की सुरक्षा के तहत छिपाया जाना चाहिए। लेकिन न्यायाधीश मर्चन ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि यह संभव नहीं है।