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लंदन: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज कहा कि भारत ने पठानकोट आतंकी हमले के संबंध में नए सबूत दिए हैं और पाकिस्तान हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तथ्यों का सत्यापन कर रहा है। शरीफ ने कहा ‘मुझे पठानकोट हमले पर भारत से नए सुराग मिले हैं और हम भारत द्वारा दिए सबूतों को देखेंगे तथा उनकी जांच करेंगे। हम इसे छिपा सकते थे या भूल सकते थे लेकिन हमने कहा है कि हमें उनसे सबूत मिले हैं।’ शरीफ ने यह बात उस दिन कही जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पठानकोट आतंकी हमले को लेकर कहा कि यह उस अक्षम्य आतंकवाद का एक और उदाहरण है जिसे भारत लंबे समय से सह रहा है।

ओबामा ने साक्षात्कार में कहा कि ‘पाकिस्तान के पास यह दिखाने का मौका है कि वह आतंकवादी नेटवर्कों को अवैध ठहराने, उन्हें छिन्नभिन्न करने और समाप्त करने को लेकर गंभीर है। ’ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच में हिस्सा लेने के बाद यहां आने पर कहा ‘हम उनकी जांच और सत्यापन कर रहे हैं। एक बार हम यह काम कर लेंगे तो फिर निश्चित रूप से तथ्यों को आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही हमने एक विशेष जांच दल भी बनाया है जो भारत जाएगा और सबूत एकत्र करेगा।’ शरीफ ने कहा ‘मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई थी और उन्होंने षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए अपनी ओर से हरसंभव मदद की पेशकश की थी। हम सही दिशा में जा रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में जल्द ही लाया जाएगा।’ आतंकवादियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के कार्रवाई करने का शरीफ ने वादा किया था लेकिन यह भी माना था कि प्रगति अक्सर बहुत धीमी रही है। एक और दो जनवरी की मध्य रात को कथित तौर पर जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट में वायु सेना स्टेशन पर हमला किया था जिसमें सात भारतीय जवान शहीद हो गए थे। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान जांच दल भी हमले के बारे में और जानकारी एकत्र करने के लिए भारत जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत को एक दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अन्य देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करने पर भरोसा करता है और चाहता है कि अन्य देश भी ऐसा ही करें। हमले के तत्काल बाद भारत ने पाकिस्तान को ‘विशिष्ट एवं कार्रवाई योग्य सूचना’ दी थी। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल नसीर खान जंजुआ ने पांच जनवरी को अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से मुलाकात की थी और दोनों ने पठानकोट आतंकी हमले से संबंधित ‘विशिष्ट एवं कार्रवाई योग्य सूचना’ पर विचार विमर्श किया था। डोभाल और जंजुआ ने विभिन्न सूचनाओं और सबूतों जैसे हमलावरों ने जिन पाकिस्तानी नंबरों पर बात की थी वह नंबर और बीच में ही पकड़ी गई उनकी बातचीत आदि के बारे में चर्चा की। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से एक प्रभावी कार्रवाई महत्वपूर्ण है। शरीफ पेशावर के समीप एक विश्वविद्यालय में सशस्त्र बंदूकधारियों के हमले में 21 लोगों के मारे जाने की घटना के कुछ दिनों बाद बोल रहे थे। विश्वविद्यालय पर हुए हमले ने लोगों को दिसंबर 2014 में पेशावर के एक स्कूल पर किए गए हमले की याद दिला दी जिसमें 150 लोग मारे गए थे। मृतकों में ज्यादातर बच्चे थे। इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने उग्रवाद के सफाये के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई थी। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। उन्होंने कहा ‘हम यह जिम्मेदारी पूरी करेंगे।’ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश और अफगानिस्तान के बीच अपनी अपनी जमीन का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए न होने देने के बारे में एक समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस प्रतिबद्धता का पूरी तरह पालन करता है। शरीफ ने कहा कि हालांकि कुछ तत्व अफगानिस्तान में सक्रिय हैं जो पाकिस्तान में आतंकी हमले करते हैं। आतंकवाद के सफाये के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार इसके कार्यान्वयन को गति देने का फैसला कर चुकी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आतंकवाद के खतरे के उन्मूलन के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। शरीफ ने कहा कि सेना और अन्य संस्थान भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सउदी अरब और ईरान के बीच तनाव दूर करने के लिए पाकिस्तान के सुलह सहमति के प्रयासों का उद्देश्य दोनों इस्लामिक देशों के मतभेद शांतिपूर्वक दूर करना है।

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