पेशावर: पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के अशांत खबर-पख्तूनख्वा प्रांत में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिससे कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बंदूकधारी प्रांत के चारसद्दा जिले स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय में घुस गए और उन्होंने कक्षाओं एवं छात्रावासों में छात्रों और शिक्षकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। यह विश्वविद्यालय पेशावर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर विस्फोटों और भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गई।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता और प्रांतीय सांसद शौकत यूसुफजई ने कहा कि विश्वविद्यालय में आज सुबह हुए आतंकवादी हमले में एक प्रोफेसर समेत 25 लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शहर के सभी अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। इलाके में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। यूसुफजई ने कहा कि इस हमले को चार से 10 हमलावरों ने अंजाम दिया। उन्होंने कहा, ‘ इस प्रकार के कायरतापूर्ण हमले आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के इरादों को हिला नहीं सकते।’ सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम कर रही है। तालिबान के आतंकवादियो ने दिसंबर 2014 में पेशावर में सेना के एक स्कूल पर हमला कर दिया था। तब उन्होंने 150 से ज्यादा लोगों को मार दिया था जिनमें ज्यादातर छात्र थे। पाकिस्तान सेना के बल भी पेशावर से विश्वविद्यालय के लिए रवाना हुए और उन्होंने वहां पहुंचकर अभियान शुरू किया। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने ट्वीट किया कि विश्वविद्यालय को खाली कराने के सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान चार आतंकवादी मारे गए। ससे पहले विश्वविद्यालय ब्लॉक के भीतर से गोलीबारी कर रहे दो आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया। आतंकवादी विश्वविद्यालय के दो ब्लॉकों में सीमित कर दिए गए हैं और सैन्य बल एवं कमांडो अभियान में भाग ले रहे हैं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार तकरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। मीडिया रिपोर्टों में खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि आतंकवादियों की आयु 18 से 25 वर्ष के बीच है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. फजल रहीम ने बताया कि विश्वविद्यालय के अंदर 3,000 से अधिक छात्र और 600 अतिरिक्त अतिथि हैं जो खुदाई खिदमतगार खान अब्दुल गफ्फार खान उर्फ बाचा खान की बरसी के मौके पर काव्यगोष्ठी के लिए यहां आए हैं। खान का निधन 20 जनवरी 1988 को हुआ था। रहीम ने बताया कि हमले में विश्वविद्यालय के चार सुरक्षाकर्मियों और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। जियो टीवी ने बताया कि मृतकों में रसायन विभाग के प्रोफेसर हामिद हुसैन भी शामिल है। खबर में कहा गया, ‘ बाहर निकलने के बाद विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने बताया कि रसायन विभाग के अध्यक्ष हामिद आतंकवादियों की गोलीबारी में मारे गए हैं।’ खबर में बताया गया है कि आतंकी उनके कक्ष में घुसे और हामिद के सिर में गोली मारी। उनकी तत्काल मौत हो गई। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकवादी हमले की निंदा की और सुरक्षा एजेंसियों को विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द आतंकवादियों से खाली कराने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री शरीफ के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वयं स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उन्हें ताजा गतिविधियों की जानकारी दी जा रही है। शरीफ ने आतंकवादी हमले में लोगों की कीमती जानें चली जाने पर दु:ख प्रकट किया और कहा कि निर्दोष छात्रों और नागरिकों पर हमला करने वालों का कोई धर्म नहीं होता। आतंकी विश्वविद्यालय में घुसे, जहां कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र शिरकत कर रहे थे। डॉन की खबर के अनुसार, खबर-पख्तूनख्वा के सांसद अरशद अली ने कहा कि हमलावर विश्वविद्यालय की दीवारें फांदकर इसमें घुसे। खबर में कहा गया कि छात्रों के परिजन संस्थान के बाहर इकट्ठे हो गए हैं। घायलों को बचाने के लिए लगभग 20 एंबुलेंस विश्वविद्यालय में दाखिल हो चुकी हैं। रेस्क्यू 1122 के एक अधिकारी के हवाले से डॉन ने कहा कि छात्रावास का छात्र खंड प्रभावित हुआ है और पीड़ितों में अधिकतर को गोलियां लगी हैं। इसमें कहा गया कि एधी के एक स्वयंसेवी ने कम से कम 15 लोगों के शव देखे हैं। दिसंबर 2014 में पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल पर तालिबानी आतंकियों के हमले में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर छात्र थे।