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कोकराझार: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। इससे पहले निर्दलीय विधायक को एक कथित ट्वीट के कारण गिरफ्तार कर असम लाया गया था। कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को शाम को अहमदाबाद से गुवाहाटी होते हुए कोकराझार लाया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।

मेवाणी के वकील मनोज भगवती ने बताया, 'पुलिस ने 14 दिन की हिरासत मांगी, जिस पर हमने आपत्ति जताई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया और कहा कि इस दौरान उन्हें कोकराझार के बाहर कहीं भी नहीं ले जाया जा सकता है।' भगवती, जिन्हें असम कांग्रेस द्वारा मेवाणी के सहयोगी के रूप में नियुक्त किया गया था, ने कहा कि मेवाणी की ओर से दायर जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया।

कोकराझार पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद मेवानी को बुधवार रात गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था।

मेवाणी को गुरुवार सुबह गुजरात से विमान के जरिए गुवाहाटी लाया गया और फिर सड़क मार्ग से कोकराझार ले जाया गया।

मेवानी की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया था। राहुल ने कहा यह उन लोगों का अपमान है जिन्होंने उन्हें (मेवानी को) जनप्रतिनिधि के तौर पर चुना है। प्राथमिकी के मुताबिक मेवाणी ने ट्वीट में कथित तौर पर दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'गोडसे को भगवान मानते हैं।'

कोकराझार पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि कांग्रेस को समर्थन देने का संकल्प करने वाले बनासकांठा की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक मेवाणी ने मोदी की गुजरात यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की अपील करने के लिए इसी ट्वीट का इस्तेमाल किया था। मेवानी की गिरफ्तारी से नाराज गुजरात में कांग्रेस के नेताओं ने शहर के सारंगपुर सर्किल पर प्रदर्शन किया और उनकी रिहाई की मांग की।

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