ताज़ा खबरें
बजट को लेकर खड़गे का तंज: 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
बजट में खोखले नारे देकर जनता को धोखा देने की है कोशिश: कांग्रेस
विकसित भारत की बात जुमला,ध्यान भटकाने का प्रयास: अमिताभ दुबे
गुजरात दंगे की पीड़िता जाकिया जाफरी का 86 साल की उम्र में निधन
आयकर में छूट, किसानों-एमएसएमई सेक्टर के लिए कई अहम एलान
12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा: वित्त मंत्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को कई महत्वपूर्ण फैसले किये, जिनमें दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनने की अनिवार्यता, बडे शहरों के बीच विमान से यात्रा का प्रस्ताव तथा यमुना और वरूणा नदियों के तटों और घाटों का सौन्दर्यीकरण शामिल है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में नगर निकायों में 40 हजार सफाई कर्मियों की संविदा पर भर्ती एवं नियुक्ति के सम्बन्ध में 21 दिसम्बर 2015 के शासनादेश में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया। एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने रामपुर में जेल रोड स्थित झील के विकास एवं सौन्दर्यीकरण सम्बन्धी पुनरीक्षित व्यय एवं कार्यमद को स्वीकृति प्रदान की। आजमगढ़ जिले की नगर पालिका परिषद, मुबारकपुर का सीमा विस्तार किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। राज्य सहायता प्राप्त अरबी फारसी मदरसों के नियमित वेतन वितरण के मकसद से वेतन वितरण विधेयक पारित कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने सैफई स्थित ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण से सम्बन्धित अनुमानित लागत को मंजूरी दे दी, जो 463.29 करोड रूपये है। बलिया में गंगा नदी पर श्रीरामपुर घाट पर अत्याधुनिक (स्टेट ऑफ द आर्ट) पुल के निर्माण तथा पुनरीक्षित लागत की प्रशासकीय एवं विभागीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गयी है। पुनरीक्षित लागत लगभग 630 करोड़ रूपये है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के द्वारका में राज्य अतिथि गृह के निर्माण का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। इसके निर्माण पर 45.32 करोड रूपये का व्यय आने का अनुमान है।

लखनऊ: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य महानगरों की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी दोपहिया वाहनों की पिछली सीट पर बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज (गुरूवार) हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने मोटर साइकिल, स्कूटर या मोपेड की पिछली सीट पर बैठने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए हेलमेट के प्रयोग को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली, 1998 के नियम-201 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली, 1998 में यातायात को नियंत्रण के सम्बन्ध में मोटरसाइकिल, स्कूटर या मोपेड के चालक के लिए निश्चित मानक के हेलमेट लगाने की व्यवस्था है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में गठित सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित समिति की सिफारिशों के आधार पर समिति के सचिव ने निर्देश दिया था कि मोटर साइकिल चलाने वाले तथा उस पर पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट प्रयोग सम्बन्धी कानून लागू किया जाए।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों के बीच हवाई यात्रा अब संभव होगी। पहले पहल राजधानी लखनऊ से वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद और गोरखपुर के लिए विमान से यात्रा की जा सकेगी। राज्य सरकार ने इस आशय के प्रस्ताव को आज  (गुरूवार) मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में वायु सेवा संचालन नीति के प्रभावी एवं व्यावहारिक क्रियान्वयन हेतु नीति में विभिन्न संशोधन प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इससे प्रदेश में आवागमन की बेहतर सुविधा के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में वायुसेवा प्रदाता अनिवार्य रूप से हर दिन लखनऊ-वाराणसी- आगरा-वाराणसी-लखनऊ, लखनऊ-इलाहाबाद-गोरखपुर-लखनऊ तथा लखनऊ-गोरखपुर-इलाहाबाद-लखनऊ के लिए वायु सेवा प्रदान करेगा। प्रवक्ता ने बताया कि नीति में संशोधनों के बाद अंतरप्रदेशीय वायु सेवा संचालन हेतु 18 से 20 सीट वाले विमान का उपयोग किया जाएगा। अंतरप्रदेशीय वायु सेवा संचालन हेतु निविदा प्रक्रिया के माध्यम से वायु सेवा प्रदाता का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चयनित सेवा प्रदाताओं को राज्य सरकार द्वारा वायबिल्टी गैप फण्ड के अंतर्गत 300 घण्टे की उड़ान पर अधिकतम पांच करोड़ रुपए की सीमा तक अनुमन्य होगा।

लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज (गुरूवार) मंत्रिपरिषद की बैठक में वाराणसी में वरुणा नदी के चैनलाइजेशन एवं तटीय विकास की परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस परियोजना के लिए दो सौ रुपये की मंजूरी दी गई है। परियोजना में प्रस्तावित कार्याें से नदी के दोनों तरफ शहरी क्षेत्र में पर्यावरण की स्थिति में सुधार होगा, भू-जल स्तर की रिचार्जिंग के साथ जलीय जीव-जन्तुओं को भी लाभ होगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सामाजिक जन-जीवन के स्तर में भी सुधार होगा। गौरतलब है कि वाराणसी ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व का प्राचीनतम नगर है। वरुणा नदी जो गंगा की सहायक नदी है, जो शहर के बीच से होकर बहती है। इस नदी में शहर के दोनों तरफ से 14 मुख्य नालों और 44 छोटे नालों का दूषित जल प्रवाहित होता है। इस परियोजना से इन नालों को चैनलाइज किया जाएगा। विगत 60 वर्षाें से नदी की सफाई न होने के कारण वरुणा नदी गंदे नाले के रूप में परिवर्तित हो चुकी है, जिससे गंगा नदी भी प्रदूषित हो रही है। इसको धयान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने वरुणा नदी के पुनर्जीवीकरण के निर्देश दिए थे, जिसके क्रम में इस नदी को वाराणसी शहरी क्षेत्र में 10.3 किमी की लम्बाई में चैनलाइजेशन एवं तटीय विकास की परियोजना को मंजूरी प्रदान की गया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख