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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चुनाव निशान को लेकर हो रहे ‘दंगल’ के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज (गुरूवार) मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके उन्हें निर्वाचन आयोग में जारी कानूनी लड़ाई की फिक्र किये बगैर चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिये। सपा के विवादित अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पैदा सूरतेहाल में पार्टी के चुनाव निशान ‘साइकिल’ पर दावे को लेकर जहां सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के साथ दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, वहीं अखिलेश ने यहां अपने आवास पर मंत्रियों, विधायकों तथा कार्यकर्ताओं के साथ करीब डेढ़ घंटे तक गहन चर्चा की, जिसमें विधानसभा चुनाव से सम्बन्धित तैयारियों और पार्टियों की स्थिति पर मंथन किया गया। अखिलेश के करीबी मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश ने आज करीब 600 लोगों से मुलाकात की और कहा कि वे क्षेत्र में जाकर चुनाव में जुट जाएं। वह चुनाव प्रचार का कार्यक्रम बना रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में पहुंचकर प्रचार करेंगे। जहां तक पार्टी में झगड़े का सवाल है तो यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष है, जो कल तक तय हो जाएगा। बैठक से बाहर निकले कुछ कार्यकर्ताओं ने बताया कि अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा कि वह इस पार्टी के साथ क्रीम, पाउडर की तरह ‘प्यार से’ गठबंधन करेंगे। हालांकि वह यह नहीं बता सके कि क्रीम, पाउडर से अखिलेश का क्या मतलब था।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में सुलह की कोशिशों के बीच यहाँ सपा दफ्तर में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमारी पार्टी की एकता में बाधा नहीं पड़नी चाहिए। मुझे मालूम है कौन पार्टी को तोड़ने में लगा है। पार्टी की एकता के लिए पूरा समय दिया है। मुलायम सिंह ने कहा कि मेरे पास जो कुछ भी था सब दे दिया। उन्होंने कहा बहुत संघर्ष के बाद समाजवादी पार्टी बनी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के एक रहने का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि अब मेरे पास केवल आप (समर्थक) हैं। उन्होंने कहा कि जनता पर मुझे पूरा भरोसा है। मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी नहीं टूटने दूंगा। उन्होंने कहा कि हम हर कीमत पर पार्टी की एकता बरकरार रखेंगे। अखिलेश से मंगलवार को डेढ़ घंटे चली बातचीत के बाद कोई हल न निकलने के बाद मुलायम स‌िंह यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रामगोपाल पर जमकर गुस्सा निकाला। मुलायम स‌िंह ने कहा, मैं पार्टी को एक रखना चाहता हूं और साइकिल भी अपने पास रखना चाहता हूं। मैंने अ‌खिलेश से कहा क‌ि तुम्हें मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, तुम्हें च‌िंता करने की जरूरत नहीं है। हम पार्टी को बचाना चाहते हैं। पार्टी को बचाने के लिए सबकुछ करूंगा। मैं दिल्ली जा रहा हूं। राम गोपाल दूसरी पार्टी के अध्यक्ष से चार बार मिल चुके हैं। अगर हमसे कहते तो हम उनके बहू-बेटे को बचा लेते मगर वह गलत हाथों में खेल रहे हैं। अब हमारे पास कार्यकर्ता बचे हैं, हम पार्टी बचाएंगे। उन्होंने कहा क‌ि रामगोपाल अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी बना रहे हैं और मोटर साइकिल चुनाव चिह्न मांग रहे हैं लेकिन हम न पार्टी का नाम बदलेंगे और न ही स‌िंबल।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की चार बहुमूल्य शहनाइयों की चोरी के मामले में उनके पौत्र समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसे चुराकर सुनार को बेच दिया गयी था। मरहूम उस्ताद की लकड़ी की शहनाई भी बरामद की गयी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) अमित पाठक की मंगलवार शाम जारी विज्ञप्ति के अनुसार एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने उस्ताद के छोटे पुत्र काजिम हुसैन के पुत्र नजरे हसन उर्फ शादाब के अलावा चौक थानान्तर्गत छोटी पियरी स्थित शंकर ज्वैलर्स के शंकर लाल सेठ और उसके पुत्र सुजीत को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि सुनार के पास गलायी गयी शहनाइयों से प्राप्त एक किलोग्राम 66 ग्राम चांदी भी बरामद की गयी है। इसके अलावा एक अदद लकड़ी की शहनाई, जिसकी चांदी निकाली जा चुकी है। चांदी की शहनाई की बिक्री से अर्जित चार हजार दो सौ रुपये और एक मोबाइल सेट भी बरामद किया गया है। एसटीएफ वाराणसी के इंस्पेक्टर विपिन राय ने बताया कि नजरे हसन भागने की फिराक में था, तभी उसे एसटीएफ की टीम ने पकड़ लिया। पूछताछ में नजरे हसन ने स्वीकार किया कि उसने शंकर लाल सेठ के हाथों चांदी की तीनों शहनाइयां 17 हजार रुपये में बेची थीं। बरामद चार हजार दो सौ रुपये उसी धनराशि के हैं। शादाब ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ लोगों से लिये गये उधार चुकाने के लिए उसने ये शहनाइयां बेची थीं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ती चुनावी सरगर्मी के बीच समाजवादी पार्टी में झगड़ा सुलझने की संभावना अब पूरी तरह धूमिल हो चुकी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव के बीच लंबी बातचीत हुई। इस बैठक में मुलायम अपने पहले के रूख में नर्मी लाते हुए मुख्यमंत्री को टिकट बांटने का पूरा अधिकार भी देने को तैयार हो गये हैं, लेकिन सपा के अध्यक्ष पद को लेकर मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीछे हटने को राजी नहीं हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपने पिता के साथ बैठक के बाद अपने कार्यकर्ताओं से चुनाव प्रचार में पूरी तरह लग जाने को कह दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मंगलवार को उनके आवास पर बंद कमरे में बातचीत की।दोनों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। सीएम अपने बंगले चार विक्रमादित्य मार्ग के अंदर से ही अपने पिता के बंगले पांच विक्रमादित्य मार्ग चले गये और मुलाकात के बीच उसी रास्ते वापस लौट गये। पिता पुत्र के बंगले बाहर से अलग है पर अंदर से आने जाने का रास्ता बना हुआ है।पिता और पुत्र की इस मुलाकात के दौरान अमर सिंह और रामगोपाल यादव अनुपस्थित रहे। हालांकि, इस दौरान कुछ समय तक गायत्री व संजय सेठ बैठक में मौजूद रहे। वहीं चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद सोमवार शाम को मुलायम सिंह यादव लखनऊ लौट गए।

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