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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चल रहा गतिरोध शनिवार को भी दूर होता नहीं दिखा। सुलह के ताजा प्रयासों के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव खेमों के बीच समझौते के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। रामगोपाल यादव ने आज (शनिवार) चुनाव आयोग को अखिलेश यादव के पार्टी पर दावे से सम्बंधित दस्तावेज़ सौंप दिए हैं। वहीँ मुलायम सिंह ने चुनाव आयोग से 9 जनवरी को मिलने का समय माँगा है। फिलहाल दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। लिहाज़ा पार्टी में विभाजन तय माना जा रहा है। मुलायम आज अपने पांच, विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर रहे। उनसे छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव, वरिष्ठ सपा नेता आजम खां और अंबिका चौधरी ने मुलाकात की। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद और कुछ अन्य नेता भी मुलायम से मिले लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। मुलायम के आवास से बाहर निकल रहे अंबिका चौधरी बोले, ‘सब ठीक हो जाएगा। सपा एक रहेगी।’ सपा कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय सेठ अखिलेश से उनके आवास पर मिले। मकसद सुलह कराना था। चुनाव आयोग ने मुलायम और अखिलेश पक्ष को ‘साइकिल’ चुनाव निशान पर किए गए दावे के पक्ष में साक्ष्य पेश करने के लिए नौ जनवरी तक का समय दिया है। अखिलेश के चाचा रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को दस्तावेज़ सौंपने के बाद दावा किया है कि 5731 में से 4416 डेलीगेट्स का समर्थन होने का शपथ पत्र प्रस्तु‌त किया। जिसमे 205 एमएलए, 56 एमएलसी, 15 एमपी, 30 राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य तथा 4416 डेलिगेट्स के शपथ पत्र शामिल है। ‘इससे स्पष्ट हो गया है कि असली सपा कौन सी है।’

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा में चल रहा घमासान भले ही अभी थमने का नाम नहीं ले रहा हो, लेकिन राज्य की एक और राजनीतिक पार्टी अपना दल में कई महीनों से चले आ रहे विवाद को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुलझाने के प्रयास तेज हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल के पास सुलह का प्रस्ताव भेजा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी के तौर पर लड़ने वाले अपना दल में पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है। अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा के नेतृत्व वाले धड़ों का यह विवाद फिलहाल चुनाव आयोग के पास लंबित है। अब पटेल परिवार के कुछ पुराने मित्रों के माध्यम से सुलह की कोशिश हो रही है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया ने कहा, ''कृष्णा पटेल जी मेरी मां हैं। मैं उनका हमेशा सम्मान करती थी और हमेशा करती रहूंगी। हम चाहते हैं कि वो साथ आएं और हम मिलकर जनता के बीच जाएं। इसलिए हमारी ओर से एक प्रस्ताव दिया गया है।'' अनुप्रिया गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कृष्णा पटेल धड़े के पास जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें कृष्णा पटेल को पार्टी का अध्यक्ष बनाने और वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट से उनको चुनाव लड़ाने की पेशकश की गई है, हालांकि यह भी शर्त रखी गई है कि 'अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल पार्टी के कामकाज से दूर रहेंगी और इसमें उनका कोई दखल नहीं होगा।' इस नेता ने कहा, ''सोने लाल पटेल के समय के कुछ पारिवारिक दोस्त इस विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिये आज (शनिवार) अपने 100 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी। इस सूची में 24 मुसलमानों को टिकट दिया गया हैै। पार्टी ने अब तक 403 विधानसभा सीटों में से 300 के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बसपा की घोषित 100 उम्मीदवारों की पहली सूची में जहां 36 मुसलमान थे, वहीं दूसरी सूची में इस कौम के 22 लोगों को टिकट दिया गया था। तीसरी सूची में 24 मुसलमानों को टिकट दिये गये हैं। प्रदेश की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत है और मुस्लिम मतदाता प्रदेश की करीब 125 सीटों पर जीत-हार तय कर सकते हैं। दलित-मुस्लिम-ब्राहमण के समीकरण को लेकर चुनाव जीतने की जुगत लगा रही बसपा ने मुसलमानों के एकजुट वोट की ताकत को समझते हुए इस कौम के लोगों का चुनाव टिकट वितरण में खास ख्याल रखा है। मायावती लगभग हर प्रेस कांफ्रेंस में खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के एकमात्र मजबूत विरोधी के तौर पर पेश करती हैं और वह मुसलमानों से कहती हैं कि साम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिये मुस्लिम कौम सपा और कांग्रेस को वोट देकर उसे बेकार करने के बजाय बसपा को एकजुट होकर वोट दें।

लखनऊ: मुलायम और अखिलेश विवाद को सुलझाने में चल रही कवायद के बीच अमर सिंह मीडिया के सामने आए। उन्होंने मुलायम सिंह को बेसहारा बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी में पिछले कुछ दिनों से जो कुछ भी हुआ उससे मुलायम सिंह यादव बेहद आहत हुए हैं। अब हालात ये हैं कि मुलायम पार्टी में अकेले पड़ चुके हैं। साथ ही वह हताश भी हैं। अमर सिंह ने इशारों ही इशारों में सपा के कई नेताओं पर हमले किए। खुद को पाक साफ बताते हुए अमर सिंह ने कहा कि उन्होंने आज तक जो कुछ भी किया वह पार्टी के भले के लिए किया। उन्होंने कहा, मुझ पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा करने वालों से मेरी विनम्र चुनौती है क‌ि जांच करा लें वर्ना इस तरह के अनर्गल बयान देने वालों के मुंह पर लगाम लगा लें। उन्होंने कहा क‌ि मैं नाम लेकर किसी का महत्व नहीं बढ़ाना चाहता लेकिन एक और नेता हैं वह बीजेपी के काबीना मंत्री रह चुके हैं, बसपा और कांग्रेस में रह चुके हैं और इस वक्त अखिलेश के साथ हैं। वह मुझे भाजपा का एजेंट कह रहे हैं। अमर स‌िंह ने कहा क‌ि अल्पांश तरीके से कोई किसी के साथ नहीं रह सकता। अगर भाजपा से मेरा सामंजस्य होता तो मैं उसमें समाहित होता। मैं बैकडोर से जाकर राजनीत‌ि नहीं करता। अमर स‌िंह ने कहा क‌ि इन सब विवादों के बीच शिवपाल के जिन दागी साथियों का विरोध मुख्यमंत्री जी ने किया वे शिवपाल के साथ दागी थे, आज मुख्यमंत्री के पास जाकर एफीडेविट देने पर उज्जवल हो गए।

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