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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। एटा के अलीगंज इलाके में एक स्कूल बस हादसे का शिकार हुई है। हादसे में अब तक 13 स्कूली बच्चों के मरने की खबर सामने आ रही है, जबकि 40 बच्चों के घायल होने की खबर है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हादसा एटा के अलीगंज रोड पर हुआ। उत्‍तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद भी ट्वीट कर इस घटना के बारे में जानकारी दी है। उन्‍होंने कहा है कि घायलों को बचाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूली बस एटा के जे एस विद्यानिकेतन स्कूल की थी। हादसा इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए। हादसे की वजह घने कोहरे को बताया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। बस बच्चों को स्कूल लेकर जा रही थी। ठंड की वजह से छुट्टी के ऐलान के बावजूद स्कूल खुला हुआ था। ठंड के कारण डीएम ने सभी स्कूलों में छुट्टी के निर्देश दे रखे थे। लेकिन स्कूल प्रशासन ने डीएम के आदेश की अनदेखी की। इस बीच डीएम ने स्कूल की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया है। स्कूल बस एक ट्रक से टकराने के कारण अनियंत्रित होकर खड्ड में जा गिरी जिससे यह हादसा हुआ। पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि जे. एस. विद्या निकेतन नामक स्कूल की एक बस सुबह बच्चों को लेकर जा रही थी। रास्ते में अलीगंज थाना क्षेत्र के असदपुर गांव के पास वह एक ट्रक से टकराने के कारण बेकाबू होकर खड्ड में जा पलटी। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में भाजपा और बसपा की चुनौती से निपटने के लिए समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन लगभग तय है, लेकिन राष्ट्रीय लोकदल के भी महागठबंधन में शामिल होने को लेकर फिलहाल स्थिति साफ़ नहीं है। इस गठबंधन में सीटों के बंटबारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. समाजवादी पार्टी 403 में से 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और शेष बची सीटें ही सहयोगी दलों को देना चाहती है, जबकि कांग्रेस 110 सीटों की मांग कर रही है। उधर रालोद भी 35 सीटें चाह रही है। सपा ने अभी तक रालोद से इस मुद्दे पर सीधे बात नहीं की है, पर कांग्रेस द्वारा उसे गठबंधन में शामिल करने पर रालोद को भी कम से कम 20 तो देनी पड़ेगी। वर्ष 2012 में कांग्रेस से गठबंधन पर रालोद ने 45 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें नौ सीटों पर जीते और 12 पर दूसरे नंबर पर रही थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 28 सीटें मिली थी। वहीं पार्टी के उम्मीदवार लगभग 31 सीटों पर दूसरे नंबर रहे थे। सपा का कहना है कि अगर इस फार्मूले को माना जाये तो कांग्रेस सिर्फ 60 सीटों की हकदार बनती है। फिर भी हम ज्यादा सीट दे रहे हैं। सपा के नेताओं का कहना है कि उसके पास 228 विधायकों का साथ है। साथ ही 12 निर्दलीय विधायक भी साथ है। ऐसे में उनकी 240 सीटों पर अकेले दावेदारी बनती है। ऐसे में वे कैसे कांग्रेस को 100 से ज्यादा सीटें दे सकते हैं। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस जवाब दे देती है तो बृहस्पतिवार को इसका एलान हो जाएगा।

रामपुर: समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच सुलह से खुश प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान ने कहा कि उनके दोनों हाथों में लड्डू हैं। आजम ने कहा कि अखिलेश भी हमारे और नेताजी भी हमारे हैं। रामपुर में बुधवार को सपा कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए खान ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पार्टी, निशान और रिश्ते सभी बच गए। इसमें हमने पुल का काम किया। हमेशा इत्तेहाद (एकता) की कोशिश की। सपा कार्यकर्ता पार्टी में चल रही कलह से परेशान थे। हमारी और आपकी दुआएं काम आईं। मामला सुलझ गया। आजम ने कहा कि हम पार्टी बनाने वालों में से हैं। जब तक दुनिया रहेगी, समाजवादी सोच जिंदा रहेगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हमें बहुत प्रिय हैं। नेताजी से भी मेरे रिश्ते अच्छे हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि रामपुर में हमने अच्छे दिन दिए, लेकिन जिन लोगों ने इसका वादा किया था, वे तो क्षेत्र में नजर तक नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि हमने नवाबों से मेडिकल कॉलेज के लिए खासबाग मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। फिर भी, मेडिकल कॉलेज बना और काफी बड़े क्षेत्र में बना जो खूबसूरत है।

नई दिल्‍ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह से जुड़े धन शोधन के एक मामले में 19.92 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। एजेंसी ने कुर्की का आदेश धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दिया। इसने तीन निर्माण कंपनियों और सिंह की पत्नी के कथित मालिकाना हक वाली एक फर्म की संपत्तियों को कुर्क किया। इसने अपने बयान में कहा कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, जेएसपी कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड और तिरूपति कंस्ट्रक्शन कंपनी ने सौदा मिलने से पहले ही काम शुरू कर दिया था। इससे साफ पता चलता है कि यादव सिंह और अन्य ने ठेकेदारों के साथ मिलकर निविदा प्रक्रिया में हेरफेर किया, ताकि ठेका उन कंपनियों को ही मिले जो पहले से काम शुरू कर चुकी हैं। बयान के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्ति का कुल मूल्य 19.92 करोड़ रुपये है। सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने वर्ष 2015 में दो भिन्न मामलों में सिंह के खिलाफ धनशोधन का आरोप लगाया था।

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