लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ती चुनावी सरगर्मी के बीच समाजवादी पार्टी में झगड़ा सुलझने की संभावना अब पूरी तरह धूमिल हो चुकी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव के बीच लंबी बातचीत हुई। इस बैठक में मुलायम अपने पहले के रूख में नर्मी लाते हुए मुख्यमंत्री को टिकट बांटने का पूरा अधिकार भी देने को तैयार हो गये हैं, लेकिन सपा के अध्यक्ष पद को लेकर मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीछे हटने को राजी नहीं हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपने पिता के साथ बैठक के बाद अपने कार्यकर्ताओं से चुनाव प्रचार में पूरी तरह लग जाने को कह दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मंगलवार को उनके आवास पर बंद कमरे में बातचीत की।दोनों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। सीएम अपने बंगले चार विक्रमादित्य मार्ग के अंदर से ही अपने पिता के बंगले पांच विक्रमादित्य मार्ग चले गये और मुलाकात के बीच उसी रास्ते वापस लौट गये। पिता पुत्र के बंगले बाहर से अलग है पर अंदर से आने जाने का रास्ता बना हुआ है।पिता और पुत्र की इस मुलाकात के दौरान अमर सिंह और रामगोपाल यादव अनुपस्थित रहे। हालांकि, इस दौरान कुछ समय तक गायत्री व संजय सेठ बैठक में मौजूद रहे। वहीं चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद सोमवार शाम को मुलायम सिंह यादव लखनऊ लौट गए।
लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी एक है और अगले सीएम अखिलेश यादव ही रहेंगे। इसके लेकर कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी टूटने का सवाल ही नहीं है। हम सब एक हैं और जल्द ही चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। मुलायम अभी तक कहते रहे हैं कि चुनाव बाद विधायक ही सीएम का चुनाव करेंगे। पार्टी को टूट से बचाने के लिए इसे मुलायम का आखिरी दांव माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इससे वह अखिलेश को मना लेंगे। इससे पहले दिल्ली में मुलायम ने रामगोपाल की ओर इशारा करते हुए कहा था कि केवल एक शख्स पार्टी में समस्याएं पैदा कर रहा है। उसने ही मेरे बेटे को बहका रखा है। मैंने अखिलेश से रविवार रात और आज (सोमवार) सुबह भी बात की। मेरे और उसके बीच कोई विवाद नहीं है। पार्टी में जारी घमासान पर उन्होंने कहा कि मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। मुलायम ने कहा कि उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न् के फार्म पर दस्तखत वे ही करेंगे। उन्होंने घर के बाहर खड़े कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी प्रत्याशी कौन होगा,यह वे तय करेंगे। दावा जताया : मुलायम ने शिवपाल और अमर सिंह के साथ दिल्ली में चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर सपा और चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा जताया और अखिलेश गुट के हलफनामों को भी चुनौती दी। अखिलेश खेमा पीछे हटने को तैयार नहीं है। उसने भी आयोग से मिलकर दावेदारी जताई। सपा में सुलह की कोशिशें परवान न चढ़ पाने के बावजूद आजम खां ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। मुलायम ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को पत्र लिखकर रामगोपाल यादव को सदन में पार्टी के नेता पद से हटाए जाने की मांग की। यह भी आग्रह किया कि रामगोपाल को सदन में पिछली सीट पर स्थानांतरित किया जाए। अभी वह अगली कतार में बसपा प्रमुख मायावती के पास की सीट पर बैठते हैं। रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल चुनाव आयोग से निकले।