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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच आज (सोमवार) दोनों पक्षों ने चुनाव आयोग से मुलाक़ात की। दोनों पक्षों ने पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा ठोका है। मुलायम और अखिलेश गुट के रुख से साफ़ है कि अब समझौते की कोई संभावना नहीं है। लिहाज़ा अब दोनों खेमें विधानसभा चुनाव में अलग अलग ताल ठोकेंगे। पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल के जब्त होने की संभावना प्रबल हो गई है। हांलाकि बहुमत अखिलेश यादव के पक्ष में दिख रहा है। बहरहाल मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल और अमर सिंह के साथ चुनाव आयोग से मुलाकात की।खुद को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बताते हुए मुलायम सिंह यादव ने आज चुनाव आयोग से कहा कि अखिलेश यादव खेमे द्वारा आयोजित अधिवेशन ‘असंवैधानिक’ था और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ उनके खेमे के पास रहना चाहिए। उन्होंने अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े की ओर से जमा किये गये पार्टी नेताओं के हलफनामों को चुनौती दी और आरोप लगाया कि वे फर्जी हैं। उन्होंने आयोग से इन हलफनामों का सत्यापन कराने को कहा। पार्टी सूत्रों ने कहा कि मुलायम ने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि जिस अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था, उसे बुलाने वाले रामगोपाल यादव को उससे पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और इसलिए सपा के विधान के मुताबिक सम्मेलन असंवैधानिक था।

मुलायम ने यह भी कहा कि अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने और उन्हें संरक्षक बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं आया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे और बेटे (अखिलेश यादव) के बीच कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल एक ही आदमी की वजह से पार्टी में विवाद है। उसी ने हमारे बेटे को बहका दिया है। उन्होंने कहा क‌ि उम्मीद है सब जल्द ठीक हो जाएगा। मुलायम सिंह यादव ने आगे कहा कि हमारा चिह्न विवादित हैं, अब चुनाव आयोग तय करेगा कि किसे चिह्न मिले। इसी बीच अखिलेश गुट से रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल भी चुनाव आयोग से मुलाकात की। आयोग से मुलाक़ात के बाद रामगोपाल यादव ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने आयोग से जल्द फैसला करने का अनुरोध किया है, क्योंकि 17 तारीख से नामांकन दाखिल होना शुरू होना है। उन्होंने मुलायम सिंह के बारे में कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि दोनों पक्ष समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर अपना हक जता रहे हैं। इसी वजह से बीते दिनों चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से 9 जनवरी तक एफिडेविट देने के लिए कहा था। समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच बीते कई दिनों से विवाद चल रहा है। हालांकि, इस बीच दोनों के बीच सुलह कराने की कई कोशिशें भी हुईं लेकिन सभी असफल रहीं। पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां भी मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश कर चुके हैं। आज के घटनाक्रम पर आज़म ने कहा कि अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है। आयोग को ही फैसला लेना है।

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