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'सड़कों पर गढ्ढे, गलियों में अंधेरा है', सपा विधायक ने सरकार को घेरा

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने आज बढ़ती मंहगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की बदहाली, नौजवानों की बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था तथा पूर्व मंत्री एवं सांसद मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार के विरूद्ध बदले की कार्यवाही आदि की 11-सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश की सभी तहसीलों पर धरना-प्रदर्शन किया। कई स्थान पर पार्टी कार्यकर्ता और नेता बरसते पानी की भी परवाह न कर धरना स्थल पर डटे रहे। गौरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले दिनों घोषणा की थी​ कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सूबे के सभी तहसील मुख्यालयों पर गांधी जयंती से एक दिन पहले धरना और प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

तहसील स्तर पर धरने में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सरकारी राहत कार्य न होने और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों की निःशुल्क प्रक्रिया एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था बहाली के मुद्दे को भी मांग पत्र में शामिल कर लिया गया है। आज का धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण एवं बड़ी संख्या में जनभागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ। हर जगह भारी तादाद में कार्यकर्ताओं, नेताओं, पदाधिकारियों ने धरना में भाग लिया।

कार्यक्रम में महिलाएं, अल्पसंख्यक एवं नौजवान बड़ी संख्या में मौजूद रहे। किसानो, छात्रों और शिक्षकों ने भी धरना-प्रदर्शन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। धरना कार्यक्रम में 11 सूत्री मांगे निम्नलिखित रही।

पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने 9 अगस्त को प्रदेश की अनेक जनसमस्याओं को लेकर जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना देकर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। परन्तु सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। किसी भी जन समस्या का समाधान करने के बजाय 1 सितम्बर से बिजली दरों में भारी वृद्धि कर दी गई। ऐसी स्थिति में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्णय के अनुसार 1 अक्टूबर को प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालय पर विशाल धरना दिया गया।

धरना कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का सबका विकास, सबका साथ व सबका विश्वास का नारा खोखला साबित हो गया है। लोकसभा चुनाव तक जनता को गुमराह किया जाता रहा परन्तु चुनाव के बाद ही पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि, यातायात नियमों के नाम पर जुर्माना में कमरतोड़ वृद्धि, खाद्यान्न वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि, किसानों को खाद-बीज की किल्लत, अपराधो में बेतहाशा वृद्धि आदि से जनता त्रस्त हो गई है। औद्योगिक समिट के नाम पर बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने का झूठा वादा कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भाजपा सरकार केवल राजनैतिक एजेण्डा साधने एवं विकास के नाम पर झूठा प्रचार करने में व्यस्त हैं।

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