वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में रविवार को मोबाइल चिकित्सालय का शुभारंभ हो गया। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद इस चिकित्सालय का शुभारंभ किया। इस अस्पताल को नयति हैल्थकेयर संस्था चलाएगी। इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर में चढ़ने वाले पुष्प और बेलपत्र से अगरबत्ती भी बनाने का शुभारंभ सीएम योगी ने किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार देर रात काशी पहुंचे। सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विकास की हकीकत जानी। उन्होंने अधिकारियों के कामकाज का फीडबैक लिया।
रविवार सुबह 8 बजे वह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। यहां सीएम ने विधि विधान से पूजा की। श्रद्धालुओं को मंदिर प्रांगण में ही मोबाइल चिकित्सालय की सौगात दी। मंदिर गेस्ट हाउस में सीएम योगी ने बातचीत के दौरान कहा कि काशी दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी व देश की सांस्कृतिक राजधानी है। हम सब की काशी व देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी की कर्म भूमि भी है। उनकी पहचान काशीधाम से है। इस योजना को जिस तरह से आगे बढ़ाया जा रहा है, वह एक नेक पहल है। बाबा विश्वनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए इस अस्पताल को खोला गया है।
भक्तो के साथ काशी वा सियो के लिए भी इसकी सुविधा मिलेगी।
बाबा पर चढ़ने वाले पुष्प और धतूरा से मंदिर और आईटी सेल ने अगर बत्ती बनाई है। उसका भी उद्घाटन करते हुए कहा कि यह बड़ा कार्य है, जो पुष्प भारी मात्रा में बाबा पर चढ़ते थे, अब वह कार्य में लिए जा रहे हैं। इससे महिलाओं को आने वाले समय में रोजगार मिलेगा और साथ ही अन्य देवालयों में भी इस पर काम होगा ।
मुख्य कार्य पालक विशाल सिंह ने कहा कि इस आरोग्य मंदिर में डॉक्टरों, नर्सों, टेक्नीशियन, पैरामेडिकल स्टाफ की 25 सदस्यों वाली टीम मौजूद रहेगी। सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे इस आरोग्य मंदिर में ओपीडी चलेगी। गंभीर मरीजों को यहां प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला अस्पताल या बीएचयू रेफर कर दिया जाएगा।
शोक व्यक्त करने राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी के यहां मुख्यमंत्री
काशी विश्वनाथ मंदिर से सीएम योगी राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी के सुदामापुर आवास पर शोक व्यक्त करने पहुंचे। नीलकंठ की दिवंगत माता लाली देवी के चित्र पर माल्यार्पण किया और पिता ओमकार तिवारी से मिलकर सांत्वना दी। इस दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, केदारनाथ सिंह, सुनील ओझा, सुशील सिंह, अशोक धवन, आलोक श्रीवास्तव, प्रभात सिंह आदि उपस्थित थे। इस दौरान जल जमावक्षेत्र बड़ी गैबी के दर्जनों लोग जल निकासी के मांग के लिए पानी में खड़े होकर विरोध करते रहे। मंत्री के आवास के समक्ष लगे जलजमाव को निकालने में जलकल विभाग और नगर निगम के कर्मचारियों के पसीन छूट गए।