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लखनऊ: केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार के उत्तर भारत में नौकरी देने के लिए योग्य युवाओं की कमी वाले बयान पर रविवार को विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया। बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने इसे उत्तर भारतीयों का अपमान बताया। हालांकि बाद में गंगवार ने अपने बयान पर सफाई दी। मायावती ने ट्वीट किया, आर्थिक मंदी के बीच देश और खासकर उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाय यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं, बल्कि योग्यता की कमी है, अति शर्मनाक है। इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, मंत्री जी, पांच साल से ज्यादा वक्त से आपकी सरकार है। नौकरियां पैदा नहीं हुईं। जो नौकरियां थीं वो मंदी के चलते छिन रही हैं। आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं। ये नहीं चलेगा। जबकि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इसे उत्तर भारतीयों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि इस सरकार में ही योग्यता की कमी है।

वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंगवार के बयान पर कहा है, ‘मोदी सरकार उलझन में है कि अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है। नोटबंदी से आतंकवाद, भ्रष्टाचार भी खत्म नहीं हुआ। जीएसटी से व्यापार चौपट हो गया और सरकार चाहती है कि देश के युवा पकौड़े तले।’

रघुवंश प्रसाद, राजद नेता ने कहा- अपने बयान के लिए संतोष गंगवार को माफी मांगनी चाहिए। इस तरह का बयान युवाओं का मनोबल गिराता है।

गंगवार ने क्या कहा था

गंगवार ने शनिवार को बरेली में संवाददाताओं से कहा, देश में रोजगार की कमी नहीं है लेकिन उत्तर भारत में जो रिक्रूटमेंट करने आते हैं, इस बात का सवाल करते हैं कि जिस पद के लिए हम (कर्मचारी) रख रहे हैं उसकी क्वालिटी का व्यक्ति हमें कम मिलता है। कमी है तो योग्य लोगों की।

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने दी सफाई

मेरे बयान को गलत अर्थ में लिया गया। मैंने एक विशेष संदर्भ में यह बात कही थी। नौकरियों की कमी नहीं है। उत्तर भारत आने वाली कंपनियां और रिक्रूटर कहते हैं कि कुछ विशेष नौकरियों के लिए लोगों में जरूरी स्किल की कमी है। मैंने कहा था कि कुछ नौकरियों के लिए स्किल की कमी थी और सरकार ने इसी के लिए स्किल मिनिस्ट्री की शुरुआत की है ताकि बच्चों को नौकरियों के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जा सके।

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