ताज़ा खबरें
'शराब नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2,000 करोड़ का हुआ घाटा'
लैंड फॉर जॉब केस: लालू-तेजस्वी और अन्य आरोपियों को कोर्ट से समन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
बिहार का कटिहार धमाके से दहला! दो महिलाओं समेत चार लोग घायल

कानपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक शैक्षणिक संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।कानपुर प्रवास के तीसरे दिन उन्होंने परिवारों के बिखराव पर चिंता जताई। इस दौरान उन्होंने कहा कि टूटते परिवारों को हिंदू संस्कार ही बचा सकते हैं। आरएसएस ने यहां एक बयान में कहा कि भागवत ने यहां तिरंगे के महत्व के बारे में बात की और जो लोग वहां मौजूद थे उनसे भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए संकल्प लेने को कहा।

भागवत नारायणा समूह के संस्थानों के एक कार्यक्रम में पनकी में बोल रहे थे। उन्होंने तिरंगा को ऊर्जा और प्रेरणा का प्रतीक बताया। भागवत ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें शांति भंग करने का प्रयास कर रही हैं जिससे पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है। इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कानपुर प्रवास पर बुधवार को प्रदेश के चारों प्रांत अवध, काशी, गोरक्ष और कानपुर से जुड़े सभी जिलों के कार्यों का लेखा-जोखा लिया था।

सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि समाज के दुर्बल और उपेक्षित वर्ग को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सामाजिक समरसता के माध्यम से खड़ा करने की आवश्यकता है। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने संघ के प्रारंभ से ही सेवा कार्यों को शुरू किया था।

संघ प्रमुख ने जिला संघचालक एवं विभाग संघ चालकों से सेवा कार्य में सक्रिय होने का विशेष आग्रह किया। प्रांत पदाधिकारियों की तरफ से बताया गया कि वर्तमान समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में लगभग 825 सेवा कार्य संचालित हो रहे हैं जिसमें शिक्षा की दृष्टि से बाल संस्कार केंद्र, निशुल्क कोचिंग क्लासेस, स्वावलंबन की दृष्टि से सिलाई-कढ़ाई केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं।

नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में आरएसएस के ‘महानगर संघचालक’ राजेश लोया ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख