लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने राजनीति को जनसेवा का माध्यम न मानकर उसे प्रबंधन कला में बदल दिया है। समाजवादी सरकार का काम तो अपने आप बोलता है। भाजपा का सिंहासन उसके डर से डोल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव येन-केन-प्रकारेण जीतने के हिमायती हैं। भाजपा अध्यक्ष इन दिनों उत्तर प्रदेश में दौरे पर दौरे कर रहे हैं और सन 2019 में विपक्ष की खिलाफत का मंत्र बांट रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा अध्यक्ष कारपोरेट घरानों की प्रबंधन प्रणाली के जरिए चुनाव जीतने की व्यवस्था कर रहे है। यह सभी जानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा साम दाम दण्ड भेद सभी उपाय अपनाने में संकोच नहीं करती है। ईवीएम मशीनों में जब तब गड़बड़ी होने की खबरें हर चुनाव में खूब छपती हैं। इन मशीनों की विश्वसनीयता पर कई सवाल उठे हें। भाजपा का दूसरा अस्त्र चुनाव में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देना होता है। सांप्रदायिकता का जहर घोलकर अपने वोट बैंक को साधने की कला में भाजपाई दक्ष हैं।
सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और विद्वेष भावना को पनपाने में भी भाजपाई आगे रहते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब नए अवतार में हेड़ मास्टर बनकर अपने कार्यकर्ताओं को होमवर्क बांटते घूम रहे हैं। वे जिन उपलब्धियों के प्रचार प्रसार की बात करते हैं उनके कार्यकर्ता भी उसे नहीं समझ पा रहे हैं।
भाजपा चुनावों के अपने संकल्पों और घोषणा पत्र के प्रति ईमानदार नहीं हैं। भाजपा तो लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में ही विश्वास नहीं करती है तभी तो चुनावों को किसी भी तरह जीतने का मैनेजमेन्ट करती है। भाजपा नेता सिर्फ भटकाव की बातें करना जानते हैं लेकिन जनता भाजपा की सच्चाई जान गई है। और वह भाजपा को जवाब देने की तैयारी में है।