लखनऊ: प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 12 हजार करोड़ का कर्ज बैंकों से लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साथ ही इस कर्ज के लिए सरकार की गारंटी भी रहेगी। कैबिनेट बैठक में मंगलवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। फैसले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव सूचना, पर्यटन एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 12 हजार करोड़ का कर्ज सिविल के निर्माण के कामों के लिए लिया जाना है। राज्य सरकार ने इस बात की शासकीय गारंटी दी है कि यूपीडा के द्वारा इस कर्ज की ब्याज और मूलधन नहीं चुकाए जाने पर राज्य सरकार अदा करेगी। उसने इसके लिए सहमति पत्र (लेटर आफ कम्फर्ट) दिया है। साथ ही टोल से मिलने वाली धनराशि के जरिए यूपीडा द्वारा कर्ज की अदायगी की जाएगी लेकिन जब तक टोल नहीं लिया जाएगा तब तक यानी करीब तीन साल तक ब्याज राज्य सरकार द्वारा अदा किया जाएगा।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि इस फैसले से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए पर्याप्त धनराशि हो जाएगी। इन 12 हजार करोड़ रुपये में से बैंक ने 7,800 करोड़ का लोन मंजूर कर दिया है। जबकि करीब पांच हजार करोड़ रुपये का लोन अभी मंजूरी की प्रक्रिया में है।
यह कर्ज 15 साल के लिए 8.30 फीसदी रिजर्व बैंक की ब्याज दर पर लिया जा रहा है। 12 साल तक इसकी किस्तें देनी होंगी। 48 किस्तों में इसका भुगतान करना होगा। इससे एक्सप्रेस-वे के काम को तेज किया जा सकेगा। छह जुलाई को नए बिड्स खुल रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि औसत 90 फीसदी जमीन एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहीत की जा चुकी है। अधिग्रहीत जमीन पर 11,800 पिलर भी लगा दिए गए हैं, जिससे जमीन चिन्हित है। बिड्स खुलने के बाद कंपनियां दस्तावेजों की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सीधे काम शुरू कर सकती हैं। हालांकि एक्सप्रेस वे का काम 36 माह में पूरा होना है। लेकिन 24 से 26 महीने में पूरा करने पर कंपनियों को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।