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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गोरखपुर महोत्सव एक गांव या परिवार का नहीं बल्कि जनता का उत्सव था। हर काम में नुस्ख निकालना और उंगली उठाना बहुत से लोगों की आदत होती है। गोरखपुर महोत्सव को लेकर भी लोगों ने ऐसा ही किया।

योगी ने कहा कि मैं दो दिनों से सब सुनकर चुप रहा था क्योंकि मुझे पता था कि तीन दिनों तक चले महोत्सव में यहां के लोगों ने जिस धैर्य और अनुसाशन का परिचय दिया यही गोरखपुर और पूर्वांचल की पहचान है।

गोरखपुर महोत्सव के समापन अवसर पर बतौर मुख्यअथिति पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोत्सव और इसमें सरकारी धन के खर्च पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को बुरा इसलिए लग रहा है कि इसके पहले तक महोत्सव का ठेका उन्हीं लोगों ने ले रखा था। मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि जितना सरकारी पैसा वह लोग अकेले सैफई महोत्सव में खर्च करते थे उससे कम में ही हम प्रदेश के सभी 75 जिलों में महोत्सव करा लेंगे।

हम तो खुद वित्तीय अनुशासन के पक्षधर हैं। उन लोगों को गलत फहमी हो गई है कि हमने महोत्सव में प्रदेश का खजाना खोल दिया है, लेकिन मैं उन उद्यमियों, व्यापारियों, संगठनों, स्थानीय कलाकारों का धन्यवाद दूंगा जिन्होंने आपसी सहयोग से आयोजन को सफल बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने अयोध्या में दीपावली मनाई तो भी लोगों को दर्द शुरू हो गया था। अभी तो उन लोगों को और तकलीफ होगी जब इसके बाद हम बरसाना में होली, चित्रकूट में रामनाम संकीर्तन और निषादराज गुह्य का जन्मदिन मनाएंगे।

योगी ने कहा कि यूपी के हर गांव, कस्बे, जिले को आगे बढ़ने का अधिकार है तो गोरखपुर इसमें पीछे क्यों रहेगा। गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन की दृष्टि से इतना विकसित किया जाएगा कि इस क्षेत्र में लाखों युवाओं के लिए रोजगार का सृजन हो सके।

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