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नई दिल्ली: अयोध्या विवाद में गुरुवार को श्री श्री रविशंकर की लखनऊ में राम जन्‍मभूमि न्‍यास के अध्‍यक्ष नृत्‍य गोपाल दास से मुलाकात की। लेकिन इस मुलाकात में कोई भी बात का हल नहीं निकल पाया। हालांकि  उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यह जरूर कहा कि इस मसले पर रचनात्मक समाधान की जरूरत है। मैं अपना प्रयास जारी रखना बंद नहीं करूंगा। यदि सभी लोग एक साथ आकर इस मुद्दे पर बात करेंगे तो इसका समाधान निकाला जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम अयोध्या मंदिर के विरुद्ध नहीं हैं। हमें सभी को एक साथ लेकर चलना होगा। इस मसले का सौहार्द्रपूर्ण हल चाहते हैं। श्री श्री रविशंकर ने आगे कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि हम यहां हल करने आए हैं, लेकिन मेरा अनुरोध है कि हम सब एक मंच पर आशावादी व स्नेहपूर्ण वातावरण में बैठे और आपसी सहयोग करिए, जिससे कार्य को सम्पन्न किया जा सके।

एक पत्रकार द्वारा निजी विचार रखने के सवाल पर श्री श्री ने कहा कि यदि हम एक निजी व्यू रखते हैं तो यह संभव नहीं होगा। इस मसले पर मेरे पास कोई रेडीमेड फॉर्मूला नहीं है।

बता दें कि गुरुवार दोपहर मणि रामदास जी की छावनी में श्री श्री रविशंकर और नृत्‍य गोपाल दास के बीच मीटिंग का इंतजाम किया गया। नृत्‍यगोपाल दास के साथ उनके उत्‍तराधिकारी कमल नयैन दास, निरमोही अखांडे सरपंच महंत राम दास समेत करीब दो दर्जन साधू संत मौजूद थे। आधे घंटे चली मीटिंग के बाद श्री श्री रविशंकर ने मीडिया से कहा, मुकदमा चलने से एक पक्ष जीतेगा और दूसरा पक्ष हारेगा, लेकिन सुलह होने से सभी की जीत होगी और देश की जीत होगा।

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