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लखनऊ: एक तरफ श्री श्री रविशंकर अयोध्‍या में संतों-महंतों के साथ मिलकर मसले को हल करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं विश्‍व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने श्री श्री की समझौता वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि श्री श्री रविशंकर आज अयोध्‍या में हैं। वीएचपी के प्रवक्‍ता शरद शर्मा ने कहा है कि वह श्री श्री की समझौता वार्ता में शामिल नहीं होंगे।

इससे पहले श्री श्री ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। श्री श्री रविशंकर चाहते हैं कि अयोध्या में मंदिर और मस्जिद दोनों बन जाएं, लेकिन मंदिर आंदोलन से जुड़े हिंदू साधु-संत इसके लिए तैयार नहीं। श्री श्री रविशंकर ने योगी से मुलाकात से कर अपनी कोशिशों के बारे में बताया।

बाद में वे समझौता वार्ता के कोआर्डिनेटर अमरनाथ मिश्रा के यहां कई पक्षकारों और धर्मगुरुओं से मिले। हालांकि वे अभी समझौते का अपना कोई फ़ॉर्मूला नहीं पेश कर रहे हैं, लेकिन मोटे तौर पर वे चाहते हैं कि अभी जहां मूर्तियां रखी हैं वहां मंदिर बन जाए और साथ में मस्जिद भी बन जाए।

इस समझौता वार्ता के कोआर्डिनेटर अमरनाथ मिश्रा ने मीडिया से कहा, ”श्री श्री जी का रुख है कि मस्जिद बने वहां…और उनका पूरे 162 देशों में आना-जाना है…मुसलमानों में भी उनका उठना बैठना है। यह कहना बिल्कुल गलत है कि वहां मस्जिद नहीं बन सकती। 26 मस्जिदें अयोध्या में पहले से हैं और अपने एक मस्जिद तोड़ी थी…आप ही ने नाम दिया बाबरी मस्जिद…इसलिए इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है।”

बैठक वाली जगह आज सारे दिन हुजूम था। पूरे देश का मीडिया, श्री श्री के भक्त और तमाशबीन... उनसे बात करने निर्मोही अखाड़े के राजा रामचंद्राचार्य…हिंदू महासभा के चक्रपाणि…बीजेपी नेता विनय कटियार…इमाम काउंसिल के चेयरमेन इमरान हसन सिद्दीकी…कुरा काउंसिल के मौलाना कारी यूसुफ कुरैशी वगैरह शामिल हुए…लेकिन मस्जिद-मंदिर दोनों बनने की श्री श्री की सोच से बीजेपी नेता विनय कटियार ने नाइत्तफाक़ी ज़ाहिर की।

उन्होंने कहा कि वे लोग किसी भी कीमत पर वहां मस्जिद नहीं बनने देंगे। श्री श्री से मिले दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दस भी कहते हैं कि 14 कोसी परिक्रमा यानी विवादित जगह से 42 किलोमीटर के रेडियस के अंदर मस्जिद नहीं बनने देंगे। श्री श्री रविशंकर आज अयोध्या में साधु-संतों से मुलाकात कर उन्हें समझौते के लिए राजी करने की कोशिश करेंगे।

इस बीच श्री श्री रविशंकर अयोध्या पहुंच गए हैं। मणिराम छावनी में रामजन्मभूमि न्यास के अध्य्क्ष महंत नृत्य गोपाल दास से उन्होंने मुलाकात भी की। इसके बाद वे रामलला के दर्शन के लिए गए और फिर संतों से मिलकर राम मंदिर निर्माण पर चर्चा भी करेंगे।

भक्तों से करेंगे मुलाकात

इसके उपरांत तोताद्रि मठ में वह अपने भक्तों से भेंट करेंगे। देर शाम वह लखनऊ वापस जाएंगे। इससे पहले उनके आगमन के मौके पर अधिकांश संतों का समर्थन जुटाने का प्रयास बंगलुरु से आए उनके प्रतिनिधि स्वामी भव्य तेज की ओर से किया गया। इसी सिलसिले में उन्होंने दिगम्बर अखाड़ा में महंत सुरेश दास व दंतधावन कुंड के महंत नारायणाचारी के साथ संत समिति के अध्यक्ष व सनकादिक आश्रम के महंत कन्हैया दास रामायणी व रामायणी रामशरण दास के अलावा अन्य संतों से भेंट की। इसके साथ ही वह गुरुदेव को रिसीव करने के लिए लखनऊ रवाना हो गए। इस बीच बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाजी महबूब के भी लखनऊ पहुंचने की खबर है।

सीएम योगी से मिले रविशंकर

अयोध्या विवाद का सहमति से हल निकालने को प्रयासरत आध्यात्मिक गुरु और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर भेंट की। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई मगर इस बातचीत का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया। अन्य जगह पर पत्रकारों से बातचीत में रविशंकर ने कहा कि मेरे पास समाधान का कोई प्रस्ताव नहीं है, सभी पक्षों से खुले दिल से बातचीत करेंगे। मुख्यमंत्री के अलावा श्री श्री रविशंकर की बुधवार को लखनऊ में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, विहिप, शिवसेना के कई प्रतिनिधियों से भी बातचीत हुई। इनमें रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण और आचार्य चक्रपाणि आदि प्रमुख थे।

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