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वाराणसी: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद रहे। उनकी मौजूदगी की वजह बनी यहां की प्रसिद्ध देव दीपावली।

ये देव दीपावली उनके लिये बेहद ख़ास भी थी क्योंकि देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है और इसी दिन 1927 को कराची में उनका जन्म हुआ था।

लिहाजा यहां के खिड़किया घाट पर बेटी प्रतिभा और चंद लोगों के साथ बड़ी सादगी से उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया। इस मौके पर घाट पर ही आडवाणी के 90 साल पूरे होने की रंगोली बनाई गई जिसमें उनका नाम लिख कर 90 वर्ष को सेलिब्रेट किया गया। इसे 90 दियों से सजाया भी गया।

इस रंगोली और दियों की रोशनी के बाच कुर्सी पर बैठ कर उन्होंने अपनी बेटी और कुछ अन्‍य लोगों के साथ खुशियां बांटी। फोटो भी खूब खिंचाया और बाद में बड़े बजड़े पर सवार होकर बनारस के घाटों पर देव दीपावली देखने निकले।

पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी बेटी प्रतिभा के साथ दोपहर में ही बनारस पहुंच गए थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत करने से बचते रहे लेकिन कुछ लोगों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि वो राजनीति को दिल्ली में ही छोड़ कर आए हैं। यहां वो सिर्फ तीर्थ और बाबा का दर्शन कर आशीर्वाद लेने आए हैं।

आडवाणी इस यात्रा में कुछ भी नहीं बोले लेकिन जिस तरह यहां उनके स्वागत में सिर्फ एक आध भाजपा नेता पहुंचे, कोई बड़ा ताम झाम नहीं दिखा और पार्टी की तरफ से भी उनकी अगवानी को लेकर कोई कोशिश नहीं हुई, ये बातें खुद ही सारी कहानी बयां करती हैं कि कभी भाजपा के कद्दावर नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी अब खामोश क्यों हैं।

 

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