फैजाबाद: अयोध्या में इतिहास की सबसे बड़ी दीपावली मनाने की तैयारी चल रही है। बताया गया है कि जैसी दीपावली त्रेता युग में मनाई गई थी वैसी ही इस बार होगी। भगवान राम लंका पर विजय हासिल कर पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे। लेकिन इस बार वो हेलीकॉप्टर से अयोध्या में उतरेंगे और उनका स्वागत करेंगे आदित्यनाथ योगी।
इस मौके पर राम की पौड़ी पर 2 लाख दीप जलाए जाएंगे। फैजाबाद के जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि श्रीराम का अयोध्या में आगमन हुआ था तो उनके स्वागत के लिए प्रशासन ने व्यवस्था की हुई है। उनका हेलकॉप्टर से आगमन होगा। उनका स्वागत करते हुए मंच पर लाया जाएगा। इसके बाद रामकथा पार्क में उनकी आरती और अभिषेक का कार्यक्रम है।
अयोध्या में सरयू का बड़ा धार्मिक महत्व है। योगी आदित्यनाथ यहां सरयू की आरती करेंगे। इसके लिए राम की पौड़ी के पास ख़ास तैयारियां की गई हैं। भगवान राम के अयोध्या आने के मौके पर यहां दो लाख दीपक जलाए जाएंग। सरकार ने 60 कुम्हारों को दीये बनाने की जिम्मेदारी दी है। ये कुम्हार दिन-रात एक करके दीये बनाने में लगे हुए हैं।
दीये बनाने वाले बबलू प्रजापति ने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री आ रहे हैं। उनके कार्यक्रम के लिए 50-60 घर कुम्हारों के मिलकर तैयारी कर रहे हैं। ट्रालियों में भरकर दीपक भेजे जा रहे हैं। इस बार दीपावली पर अयोध्या में खास रौनक है। बाजार सजे हुए हैं। सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ है। लोग भी इस खास दीपावली के इंतजार में हैं।
इस त्योहार में तीन दिन तक अयोध्या की सड़कों पर मेला जैसा माहौल होता है। सड़कों पर दुकानें लगती हैं। आतिशबाजी, खील-बतासे, खिलौने और अन्य सजावटी सामान बिकता है। पटरी कारोबारियों को लगता है कि अयोध्या का विकास होना चाहिए। दुकानदारों का कहना है कि नेता आएं कोई बात नहीं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर उन्हें नहीं हटाना चाहिए।
सियासत में ऐसे लोग भी हैं जिनका कहना है कि अयोध्या में दीपावली तो धूमधाम से मनानी ही चाहिए, लेकिन सरकार ये सब हिंदू वोट जुटाए रखने के लिए कर रही है। उधर, सरकार इस पर राजनीति से इनकार कर रही है। सूबे के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि आज से हजारों साल पहले ऐसा हुआ कि राजा स्वयं राम की अगुवानी करने गए थे।
असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त करने के लिए दीपावली मनाई गई। आज हम दीपावली मना रहे हैं तो आपत्ति क्यों हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में संतों के साथ अगर संत दीपावली मना रहे हैं तो ये अच्छी परंपरा है।