कानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर ने रैगिंग के आरोपों में अपने 22 विद्यार्थियों को एक से तीन साल तक के लिए सस्पेंड कर दिया है। संस्थान के उपनिदेशक डॉ मनींद्र अग्रवाल ने जानकारी दी कि इन विद्यार्थियों को सस्पेंड करने का फैसला सोमवार को आईआईटी सीनेट द्वारा लिया गया था।
डॉ मनींद्र अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि 16 विद्यार्थियों को तीन साल के लिए सस्पेंड किया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ रैगिंग के आरोप 'काफी गंभीर' थे। शेष छह विद्यार्थियों को एक साल के लिए सस्पेंड किया गया है।
डॉ अग्रवाल ने जानकारी दी कि सस्पेंड किए गए इन विद्यार्थियों को सस्पेंशन अवधि के दौरान मर्सी अपील दायर करने का अधिकार नहीं होगा। यदि वे चाहें, तो सस्पेंशन अवधि समाप्त होने के बाद अपील दायर कर सकते हैं, और किसी कोर्स में दाखिला भी ले सकते हैं।
आईआईटी, कानपुर के उपनिदेशक ने बताया कि आईआईटी सीनेट ने इन विद्यार्थियों को उनका पक्ष रखने का मौका देने के बाद सोमवार को उन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया। आरोप है कि इन विद्यार्थियों ने 19 और 20 अगस्त की रात को अपने जूनियर विद्यार्थियों की रैगिंग की थी।