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महुवा (गुजरात): राफेल सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा उनसे सफाई मांगने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रूपये का फायदा पहुंचाने के लिए राफेद सौदे की शर्तें बदलने का आरोप लगाया। वह यहां एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘न्याय’ योजना का विचार उन्हें मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव में किए ‘‘झूठे वादे’’ से आया जिसमें हरेक नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रूपये जमा करने की बात कही गई थी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ के लिए पैसा विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे भगोड़ों की जेबों से आयेगा। कांग्रेस ने अपने लोकसभा चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र में कहा था कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो न्याय योजना के तहत 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों को छह हजार रूपये की मासिक या 72 हजार रूपये सालाना आमदनी सुनिश्चित की जायेगी। मोदी के गृह राज्य गुजरात में आयोजित इस रैली में उन्होंने एक बार फिर राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

अहमदाबाद: गुजरात में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी। वर्ष 2017 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद ठाकोर को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया था। उन्होंने गुजरात के कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा को लिखे पत्र में कहा कि वह अपमान और धोखे की वजह से पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। ठाकोर ने कहा, ''मैं ऐसी पार्टी में नहीं रह सकता, जहां मेरा अपमान किया जा रहा है, अनदेखी की जा रही है और धोखा दिया जा रहा है।" उन्होंने पत्र में लिखा, ''मेरे समुदाय के गरीब युवा नाराज और खफा हैं क्योंकि उनकी अनदेखी की जा रही है और अपमान किया जा रहा है। मेरे लिए ठाकोर सेना सर्वोच्च है...मेरी सेना ने मुझसे कहा कि यदि वहां हमारी अनदेखी हो रही है, अपमान किया जा रहा है और धोखा दिया जा रहा है तो मैं पार्टी छोड़ दूं।"

वहीं, अमित चावड़ा ने कहा कि वह मीडिया में कुछ भी कहने से पहले ठाकोर से बात करेंगे। ठाकोर ने बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं।

अहमदाबाद: गुजरात की आणंद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी मितेश पटेल ने अपने चुनावी हलफनामे में घोषणा की है कि वह गोधरा कांड के बाद 2002 में राज्य में हुए दंगों से जुड़े मामले में आरोपी था। भाजपा ने 54 वर्षीय पटेल को प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी के खिलाफ मध्य गुजरात की आणंद लोकसभा सीट से उतारा है। मंगलवार को चुनाव अधिकारियों को सौंपे अपने हलफनामे में पटेल ने जिक्र किया है उनके खिलाफ आणंद जिले के वसाड पुलिस थाने में 2002 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

पटेल पर दंगों, पथराव, चोरी, आगजनी में शामिल होने समेत अन्य आरोप हैं। हलफनामे के मुताबिक पटेल के खिलाफ भादंसं की धारा 147 (दंगे), 149 (दंगे, घातक हथियार रखने), 436 (आगजनी), 332 (नौकरशाह को डराने के लिए चोट पहुंचाना), 143 (गैरकानूनी सभा) और 380 (चोरी) के तहत मामले दर्ज हैं। पटेल ने यह भी उल्लेख किया कि आणंद सत्र अदालत ने सितंबर 2010 में उन्हें बरी कर दिया था।

नई दिल्ली: गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि हार्दिक ने मेहसाणा दंगा मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

तत्काल सुनवाई की क्या जरुरत है

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया। पीठ में न्यायमूर्ति एम एम शांतनागोदर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा भी शामिल हैं। पटेल की ओर से पेश हुए वकील से पीठ ने कहा कि इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरुरत नहीं है क्योंकि उच्च न्यायालय का आदेश पिछले साल अगस्त में आया था।

पीठ ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ''आदेश अगस्त 2018 में पारित हुआ था। अब तत्काल सुनवाई की क्या जरुरत है? हार्दिक ने इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की है।

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