अहमदाबाद: गुजरात में हाल ही में राज्यसभा चुनाव हारे भाजपा उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोट अमान्य करार देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ आज (शुक्रवार) गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया। आठ अगस्त को हुए चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राजपूत ने यह दलील भी दी कि दो अन्य कांग्रेसी विधायकों के वोट भी नहीं गिने जाने चाहिएं और उन्हें विजयी घोषित किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग के फैसले ने कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की जीत का रास्ता साफ किया था। पटेल को नाटकीय घटनाक्रम से भरे इस चुनाव में जीतने के लिए न्यूनतम 44 वोट मिले। राजपूत को 38 वोट मिले। राजपूत की याचिका में दावा किया गया है कि जब निर्वाचन अधिकारी ने दोनों वोटों को वैध मानने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल किया तो चुनाव आयोग को निर्वाचन अधिकारी को किसी वोट को स्वीकार करने या खारिज करने का निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी के आज छुट्टी पर होने की वजह से सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एम आर शाह के समक्ष याचिका आई जिन्होंने इसे 21 अगस्त को उचित पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
चुनाव आयोग ने असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों राघवजी पटेल और भोलाभाई गोहिल के वोटों को खारिज कर दिया था। कांग्रेस के मतदान एजेंट शक्तिसिंह गोहिल ने मतगणना शुरू होने से पहले शिकायत दर्ज कराई थी कि इन दोनों विधायकों ने अपने वोट मतपेटी में डालने से पहले मतपत्रों को भाजपा के प्रतिनिधियों को दिखाया। राजपूत की याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए।