अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने भाजपा विधायक जयराज सिंह जडेजा को 13 वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने जडेजा के दो सहयोगियों अमरजीत सिंह जडेजा और पूर्व अंडर 19 क्रिकेट खिलाड़ी महेन्द्र सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पीठ ने तीनों को 30 सितम्बर तक जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा जो फिलहाल जमानत पर हैं। राजकोट के गोंडल से विधायक जडेजा और 15 अन्य का नाम नीलेश रेयानी की हत्या के मामले में शामिल है जिसकी हत्या कथित तौर पर जमीन विवाद में कर दी गई थी। इससे पहले 2010 में राजकोट की फास्ट ट्रैक अदालत ने जडेजा को मामले में बरी कर दिया था। बहरहाल 16 आरोपियों में से इसने समीर पठान को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पठान जडेजा का कथित तौर पर सहयोगी है। इसके बाद पठान के साथ ही राज्य सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पठान ने जहां खुद को निर्दोष बताया वहीं राज्य सरकार ने मामले में जडेजा सहित 15 अन्य को बरी किए जाने को चुनौती दी।
हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया क्योंकि इसने जडेजा और उनके दो सहयोगियों को मामले में दोषी पाया। अदालत ने हालांकि पठान को बरी कर दिया क्योंकि मामले में एक प्रमुख प्रत्यक्षदर्शी रामजी मकवाना ने अदालत को बताया कि उसने जडेजा को रेयानी पर गोली चलाते देखा था और अन्य दो आरोपी घटना के समय विधायक के साथ थे। मामले के ब्यौरे के अनुसार रेयानी को 8 फरवरी 2004 को गोली मार दी गई थी, जब वह मकवाना सहित अपने दो दोस्तों के साथ एक कार में सफर कर रहा था।