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अहमदाबाद: गुजरात राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाद दोनों पार्टियों में चल रही जंग कांग्रेस ने जीत ली है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग को मानते हुए दो विधायकों का वोट रद्द कर दिया है। आयोग ने वोटों की गिनती शुरू करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की की राह आसान हो गई है। कांग्रेस ने दो वोट निरस्त किए जाने की मांग की थी। उधर, भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की है। कांग्रेस के आरोपों को भाजपा निराधार बता रही है। नतीज़तन 3 राज्यसभा सीटों पर मतदान खत्म होने के बाद गिनती शुरू नहीं हो पाई है। इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की साख दांव पर लगी है। इन राज्यसभा सीटों के लिए 6.30 बजे नतीजे घोषित किए जाने थे, पर विवाद के चलते नतीजे घोषित नहीं किए जा सके हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने एक घंटे के अंदर दो-दो बार चुनाव आयोग का चक्कर लगाया।

घंटे भर में दूसरी बार चुनाव चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'भाजपा को इस तरह के ओछे हथकंडे अपनाना बंद करना चाहिए। उसके नेता अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। देश के कानून मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्री ने खुद चुनाव आयोग आकर प्रभाव डालने की कोशिश की। वित्त मंत्री हों या कानून मंत्री नाजायज काम नहीं कर सकते। बापू की धरती पर हमेशा सत्य की जीत हुई है, इस बार भी सत्य ही जीतेगा।' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग को बताया कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि दो कांग्रेस विधायकों ने अपने बैलट पेपर अनाधिकृत व्यक्तियों को दिखाए। हमने चुनाव आयोग से वीडियो देखने की भी मांग की। हमने हरियाणा चुनाव का भी हवाला दिया है। हमने चुनाव आयोग से कहा कि वो निर्णय लें, संविधान के तहत ये चुनाव आयोग की ही जिम्मेदारी है।' दूसरी बार चुनाव आयोग में अपनी दलीलें पेश करने के बाद भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी के व्यवहार से हमें हैरानी है। हमने आयोग को बताया कि चुनाव हो चुका है, इसलिए इस समय असमंजस की स्थिति नहीं बननी चाहिए। कांग्रेस दोबारा अपने बड़े नेताओं के साथ मिलने आयी। कांग्रेस पार्टी दो-दो बार आकर एक ही बात दोहरा रही है। कांग्रेस की ओर से गलत दलीलें दी जा रही हैं।' इससे पहले चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस सुबह से चुनाव करा रही है और हार देखकर वो विवाद खड़ा कर रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि वो हार रही है, इसीलिए वो बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर बक्से मे बंद होने के बाद किसी जांच का कोई मतलब नहीं होता। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि वो विवाद खड़ा करने के लिए कांग्रेस को मौका न दे। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को लड़ना ही है, तो वो कोर्ट जाएं। इस दौरान भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा कि वॉर्निंग देने के बाद रिटर्निंग अधिकारी वोट कैंसिल करके साइड रख देता है। पर कांग्रेस ने उस समय कोई शिकायत नहीं की। बाद में कांग्रेस विवाद खड़ा करने के इरादे से वोट खारिज करने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि साल 2002 से राज्यसभा चुनाव के लिए नियम बदले गए, जिसमें रिटर्निंग अधिकारी और इलेक्शन एजेंट को बताया जाता है कि वो किसे वोट कर रहा है। वो आर्टिकल 324 का दुरुपयोग करना चाहती है। अब इलेक्शन पिटिशन के अलावा कांग्रेस के पास कोई रास्ता नहीं है।

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