अहमदाबाद: पिछले कई दिनों से बेंगलुरु के रिसॉर्ट में मीडिया और बाहरी दुनिया से दूर रखे गए कांग्रेस के सभी 44 विधायक वापस गुजरात लौट आए हैं।आज (सोमवार) तड़के 4:20 पर कांग्रेस विधायक फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचे। कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच विधायकों को एयरपोर्ट से आणंद ज़िले के निजानंद रिसॉर्ट ले जाया गया है। मंगलवार को राज्यसभा चुनाव की वोटिंग तक उन्हें यहीं रखा जाएगा।'8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त के डर से कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को 29 जुलाई को बेंगलुरु भेजा था। उससे पहले कांग्रेस के छह विधायक पार्टी का दामन छोड़ चुके थे. तीन भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी उनके विधायकों को डरा-धमका कर अपने पाले में शामिल करने की कोशिश में है। कांग्रेस विधायकों को जिस बस से एयरपोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था, वह बस ही खराब हो गई और फिर धक्का देकर बस को चालू किया गया और सभी विधायकों को निजानंद रिसॉर्ट ले जाया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी द्वारा उनके विधायकों को खऱीदने की कोशिश हो रही है। भाजपा विधायकों को 15 करोड़ का ऑफर दे रही है।
उधर, गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों पर आठ अगस्त को हो रहे चुनाव को लेकर तेज हो गयी गहमागहमी के बीच भाजपा के तीन में से एक उम्मीदवार तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के यहां थलतेज आवास पर बैठकों का दौर जारी रहा। इन बैठकों में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी और गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा भी शामिल हुए। भाजपा के सचेतक पंकज देसाई के अनुसार चुनाव के पहले पारंपरिक तौर पर राजधानी गांधीनगर में विधायक दल की एक बैठक होगी, जिसमें अहमदाबाद के नाराणपुरा के निवर्तमान विधायक के तौर पर शाह भी शिरकत करेंगे। शाह शनिवार शाम ही यहां पहुंच गए थे और वह बुधवार तक यहीं रहेंगे। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हो रहे चुनाव में बीजेपी की ओर से अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए बलवंतसिंह राजपूत उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में हैं। 182 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के एक बागी समेत 122, कांग्रेस के 51 (बागी वाघेला गुट के सात विधायकों समेत) तथा राकांपा के दो और जदयू का एक विधायक है। शाह और ईरानी की जीत लगभग पक्की है। राजपूत तथा पटेल, जो पांचवी बार राज्यसभा में चुने जाने के लिए मैदान में हैं, के बीच मुकाबला है। पटेल ने जीत के लिए जरूरी 45 मतों का आंकडा होने का दावा किया है। उन्होंने जदयू और राकांपा तथा भाजपा के एक बागी नलिन कोटडिया के समर्थन का दावा किया है। चुनाव में नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प होने से भी परिदृश्य रोचक हो गया है।