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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला लेवी धनशोधन मामले में जारी जांच के तहत सोमवार को कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह छापेमारी राज्य की राजधानी रायपुर में 24-26 फरवरी तक कांग्रेस के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन से पहले हुई है। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है।

अधिकारियों ने कहा कि ईडी द्वारा उन लोगों की जांच की जा रही है, जो वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए कथित कोयला लेवी घोटाले के अपराध की आय के लाभार्थी रहे हैं। एजेंसी के अनुसार, ईडी की जांच “एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनीतिक नेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक ‘गिरोह' द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयला ढुलाई पर 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी।” मामले में अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ईडी के मुताबिक कोयले में 25 रुपये प्रति टन उगाही की जा रही थी। इस मामले में पिछले साल सीएम भोपेश बघेल की करीबी आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया, राज्य के एक आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और कुछ कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में हाल ही में खनन अधिकारी शिव शंकर नाग और संदीप कुमार की गिरफ्तारी भी हुई थी। अभी तक कुल 9 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। ईडी के मुताबिक 2 साल के अंदर 540 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। अभी तक ईडी आरोपियों की 152 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

 

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