ताज़ा खबरें
हरियाणा चुनाव: थम गया प्रचार, 90 सीटों के लिए पांच को होगी वोटिंग
ईशा फाउंडेशन के खिलाफ पुलिस जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
जेल में जाति आधारित भेदभाव से दुश्मनी बढ़ेगी, ऐसे नियम खत्म हो: कोर्ट
बिहार के पूर्व मंत्री की हत्या मामले में पूर्व विधायक समेत दो को उम्र कैद

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान मंगलवार को संपन्न हो गया। जम्मू संभाग के जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर जिलों तथा घाटी के बारामुला और कुपवाड़ा जिलों की 40 विधानसभा सीटों पर मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला है। जम्मू जिले में 11, सांबा में तीन, कठुआ में छह और उधमपुर में चार विधानसभा सीटें हैं, जबकि बारामुला में सात, बांदीपोरा में तीन और कुपवाड़ा जिले में छह सीटें हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जम्‍मू-कश्‍मीर में शाम 5 बजे तक 65.8 प्रतिशत वोटिंग हुई। हालांकि अभी अंतिम आंकड़े आने बाकी हैं। इससे पहले शाम 3 बजे तक 40 विधानसभा सीटों पर 56.0 मतदान हुआ था। दोपहर एक बजे तक 44 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, जम्‍मू-कश्‍मीर में 11 बजे तक 40 विधानसभा सीटों पर 28.12% मतदान हुआ था।

चुनाव के इस चरण में मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें दिखीं। केंद्र शासित प्रदेश के 39.18 लाख से अधिक मतदाता 415 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे।

इन उम्मीदवारों में दो पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और मुजफ्फर बेग भी शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सभी क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर चुनाव के आखिरी चरण में दोपहर एक बजे तक 44.08 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। उधमपुर जिले में सबसे अधिक 51.66 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद कठुआ में 50.09 प्रतिशत, सांबा में 49.73 प्रतिशत, बांदीपुरा में 42.67 प्रतिशत, कुपवाड़ा में 42.08 प्रतिशत, जम्मू में 43.36 प्रतिशत और बारामूला में 36.60 प्रतिशत मतदान हुआ।

निर्वाचन क्षेत्रों में, जम्मू जिले का छंब पहले छह घंटों में 53.21 प्रतिशत मतदान के साथ सबसे आगे रहा। कभी आतंकवादियों और अलगाववादियों का गढ़ रहे सोपोर खंड में सबसे कम 27.76 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू क्षेत्र में अखनूर, बानी, बिलावर, चेनानी, जसरोटा, मढ़, रामगढ़, उधमपुर पूर्व और उधमपुर पश्चिम तथा बांदीपुरा में नियंत्रण रेखा के पास गुरेज सहित एक दर्जन निर्वाचन क्षेत्रों में पहले ही 50 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा पार हो चुका है।

वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहा है. पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, वाल्मीकि समाज और गोरखा समुदाय के सदस्य अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए सुबह-सुबह मतदान केंद्रों पर पहुंचे। इससे पहले वे क्रमशः 2019 और 2020 में ब्लॉक विकास परिषद और जिला विकास परिषद चुनावों में मतदान कर चुके हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख