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नई दिल्ली: अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जम्मू एंड कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) पर केंद्र सरकार ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेकेडीएफपी को पांच साल के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 3(1) के तहत जेकेडीएफपी को गैरकानूनी संगठन करार दिया है। यह एक्शन जेकेडीएफपी के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से लिया गया है।

जेकेडीएफपी का गठन 1998 में शब्बीर अहमद शाह ने किया था, जो एक प्रमुख अलगाववादी थे जो अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाने जाते थे। शब्बीर शाह फिलहाल जेल में बंद हैं।

सरकार ने कहा कि 1998 से इसके सदस्यों ने हमेशा देश में अलगाववाद और आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा दिया है। इस संगठन के सदस्य लोगों को भड़का कर कश्मीर को एक अलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार जेकेडीएफपी के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में सबसे आगे रहे हैं और अलग इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं।

अधिसूचना में कहा गया है, "जेकेडीएफपी के नेता या सदस्य आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में शामिल रहे हैं।"

कई मामले दर्ज

जेकेडीएफपी के खिलाफ यूएपीए 1967, आईपीसी 1860, आर्म्स एक्ट 1959 और रणबीर दंड संहिता 1932 की विभिन्न धाराओं के तहत भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पार्टी प्रमुख शब्बीर शाह भी जेल में बंद हैं. शाह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 25 जुलाई 2017 को 2005 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और वह आतंकी-फंडिंग मामले में भी आरोपी है।

 

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