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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने भूमि घोटाले से जुड़े मनि लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत दे दी। वहीं आज बिरसा मुंडा जेल से पांच महीने बाद हेमंत सोरेन रिहा हो गए। जेल से रिहा होने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।

मुझे झूठे आरोप लगाकर जेल में डाला

जेल से रिहा होने के बाद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, "मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया। लोगों की आवाज को कुचलने का काम किया जा रहा है। न्यायालय ने अपना न्याय सुनाया है, उनकी वजह से ही में आज बाहर आया हूं।"

हेमंत सोरेन ने आगे कहा, "न्याय की प्रक्रिया बड़ी लंबी हो गई। आज देश में राजनेता, पत्रकारों और आम लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को भी जेल में भेज दिया गया है। जो लड़ाई और जो संकल्प हमने लिया है उसको हम जरूर पूरा करेंगे। आज एक संदेश है की किस तरीके से हमारे खिलाफ षड़यंत्र करके जेल में डाला गया।"

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से शुक्रवार (28 जून) को बड़ी राहत मिली। झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

तब उन्होंने ईडी की हिरासत में ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसकी कमान करीबी चंपई सोरेन को सौंप दी थी। इसके बाद से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पार्टी का कामकाज देख रही हैं।

अब झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन को जमानत मिलना पार्टी के लिए बड़ी राहत है।  ऐसे में अब करीब 5 महीने बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आएंगे।

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने हेमंत सोरेन को नियमित जमानत दे दी। इससे पहले 13 जून को हेमंत सोरेन के अधिवक्ता और ईडी के एएसजी एस.पी. राजू की दलील पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा ने भाजपा के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के पत्र का जवाब दे दिया है।

मुझसे किसी ने संपर्क तक नहीं किया: जयंत सिन्हा

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश होने की वजह से उन्होंने डाक मत-पत्र प्रक्रिया के जरिए से मतदान किया। अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी, सांसद या विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम आमंत्रित नहीं किया गया। इसके साथ ही मुझे किसी भी रैली या संगठनात्मक बैठकों के लिए भी न्योता नहीं आया।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

नई दिल्ली: उत्तराखंड के एक स्कूल में 14 साल की क्लासमेट का अश्लील वीडियो सर्कुलेट करने वाले छात्र को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया। इस वीडियो से हुई बदमानी की वजह से बच्ची ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। टीओआई की खबर के मुताबिक, आरोपी को जमानत न देने वाले अदालत के इस फैसले से एक नजीर पेश हुई है कि कानून तोड़ने वाले बच्चों को अपराध गंभीर होने के बाद भी जमनात मिलनी चाहिए, ये अपवाद है।

उत्तराखंड मामले में अदालत के फैसले के बाद पुणे के उस केस की चर्चा तेज हो गई है, जिसमें पोर्शे कार से दो लोगों की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी को महज 300 शब्दों का निबंध लिखवाकर और अन्य शर्तों के साथ जुबेनाइल कोर्ट से जमानत मिल गई। हालांकि इस मामले में पुलिस आरोपी के लिए सख्त सजा की मांग कर रही है। उत्तराखंड का मामला पुणे केस में भी एक नजीर साबित हो सकता है।

उत्तराखंड के स्कूल में हुए अश्लील वीडियो मामले में इस साल 10 जनवरी को, जुबेनाइल कोर्ट, हरिद्वार ने 'कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे' की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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