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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा ने भाजपा के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के पत्र का जवाब दे दिया है।

मुझसे किसी ने संपर्क तक नहीं किया: जयंत सिन्हा

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश होने की वजह से उन्होंने डाक मत-पत्र प्रक्रिया के जरिए से मतदान किया। अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी, सांसद या विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम आमंत्रित नहीं किया गया। इसके साथ ही मुझे किसी भी रैली या संगठनात्मक बैठकों के लिए भी न्योता नहीं आया।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

नई दिल्ली: उत्तराखंड के एक स्कूल में 14 साल की क्लासमेट का अश्लील वीडियो सर्कुलेट करने वाले छात्र को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया। इस वीडियो से हुई बदमानी की वजह से बच्ची ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। टीओआई की खबर के मुताबिक, आरोपी को जमानत न देने वाले अदालत के इस फैसले से एक नजीर पेश हुई है कि कानून तोड़ने वाले बच्चों को अपराध गंभीर होने के बाद भी जमनात मिलनी चाहिए, ये अपवाद है।

उत्तराखंड मामले में अदालत के फैसले के बाद पुणे के उस केस की चर्चा तेज हो गई है, जिसमें पोर्शे कार से दो लोगों की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी को महज 300 शब्दों का निबंध लिखवाकर और अन्य शर्तों के साथ जुबेनाइल कोर्ट से जमानत मिल गई। हालांकि इस मामले में पुलिस आरोपी के लिए सख्त सजा की मांग कर रही है। उत्तराखंड का मामला पुणे केस में भी एक नजीर साबित हो सकता है।

उत्तराखंड के स्कूल में हुए अश्लील वीडियो मामले में इस साल 10 जनवरी को, जुबेनाइल कोर्ट, हरिद्वार ने 'कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे' की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

नई दिल्ली/रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत की मांग वाली अर्जी का विरोध किया। ईडी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करके उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। ईडी ने दलील दी कि एक राजनेता एक सामान्य नागरिक से अधिक विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता। ईडी ने शीर्ष अदालत को बताया कि अगर सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है, तो जेल में बंद सभी राजनेता भी ऐसी मांग कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होगी सुनवाई

गिरफ्तारी के खिलाफ और अंतरिम जमानत के लिए सोरेन की अर्जी पर शीर्ष कोर्ट में अपने हलफनामे में जांच एजेंसी ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद साक्ष्य से यह साबित होता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता अवैध तरीके से संपत्तियां हासिल करने और उन पर कब्जा रखने में शामिल हैं। यह अपराध से अर्जित आय है।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि उन्हें कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से पहले प्रथम दृष्टया स्वयं को संतुष्ट करने की जरूरत है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सोरेन को अंतरिम जमानत देने के सवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 20 मई तक अपना जवाब दाखिल करने और मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर संक्षिप्त जवाब देने को कहा।

पीठ ने मामले को 21 मई को अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करते हुए कहा, 'अंतरिम जमानत देने से पहले, हमें खुद को संतुष्ट करने की जरूरत है। ईडी को अंतरिम जमानत के सवाल पर अपना जवाब दाखिल करने दीजिये। हम मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे। यह सबसे कम समय है, जो हम दे सकते हैं।' सोरेन की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि अंतरिम जमानत दी गई, तो जेएमएम नेता दो जून को आत्मसमर्पण करेंगे।

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