रांची: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। सीबीआई कोर्ट रांची के विशेष जज एसके शशि ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनायी। लालू प्रसाद पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में दोषी पाए गए अन्य 37 लोगों को सजा सुनाई जा रही है। लालू प्रसाद समेत 38 अन्य आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद लालू प्रसाद को जेल भेज दिया गया था। बेहतर इलाज के लिए लालू प्रसाद को जेल प्रशासन ने रिम्स भेज दिया था। लालू प्रसाद रिम्स से ही ऑनलाइन कोर्ट से जुड़े थे।
सजा सुनाने के पहले सीबीआई की ओर से सभी दोषियों को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया गया। जबकि बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने का आग्रह किया। रांची सिविल कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ता बिहार से भी पहुंचे हैं। इनमें अब्दुल बारी सिद्दिकी, पूर्व मंत्री श्याम रजक भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में सजा सुनाए जाने का स्वागत किया। राजद के नेताओं ने कहा सजा की अवधि के मामले में लालू प्रसाद यादव के साथ न्याय हुआ है।
अनुमान के मुताबिक आज सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे सजा की घोषणा की गई। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
इससे पूर्व सभी दोषियों ने ऑनलाइन कोर्ट में हाजिरी लगाई। लालू प्रसाद यादव इस समय रांची रिम्स में इलाजरत हैं। यहां पर होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्हें एक लैपटाप उपलब्ध कराया गया था। इसी लैपटाप के सहारे लालू यादव ने अपनी सजा सुनी। सजा सुनाए जाने से पहले लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील प्रभात कुमार ने अदालत में बहस की। उन्होंने कहा कि लालू यादव की उम्र 75 साल हो गई है। लालू को कुल 17 तरह की बीमारियां है। बीपी और शुगर का भी हवाला दिया। अदालत से उन्होंने कम से कम सजा देने की मांग की। उधर सीबीआई के वकील ने बहस करते हुए सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की।