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खूंटी: झारखंड में बहुचर्चित कोचांग सामूहिक दुष्कर्म मामले में फादर अल्फांसो आइंद सहित छह लोगों को खूंटी व्यवहार न्यायालय ने दोषी करार दिया है। इसके बाद फादर अल्फांसो आइंद की जमानत रद्द करते हुए उन्हें खूंटी जेल भेज दिया गया है। जबकि पांच दोषी पहले से ही जेल में हैं। खूंटी व्यवहार न्यायालय के लोक अभियोजक सुशील जायसवाल ने अपने कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत 15 मई को सजा सुनाएगी।

इस मामले में जॉन जुनास तिड़ू, बलराम समद, जुनास मुंडा, आजूब सांडी पूर्ति और बाजी समद टकला पहले से जेल में हैं। एक दोषी आशिष लोंगा का मामला जुबेनाइल बोर्ड में भेजा गया है। कोर्ट ने फादर अल्फांसो को कोचांग दुष्कर्म कांड का मुख्य षडयंत्रकारी माना है। विवादित पत्थलगड़ी नेता बलराम समद और जॉन जुनास तिड़ू को घटना को अंजाम देने के लिए उत्प्रेरित करने का आरोप है। दोनों पत्थलगड़ी के अन्य मामलों में पहले से ही जेल में बंद हैं।

 

मानव तस्करी के खिलाफ नुक्कड़ नाटक करने की गई संस्था की टीम

लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल ने बताया कि मानव तस्करी के खिलाफ पिछले वर्ष 19 जून को एक गैर सरकारी संस्था आशा किरण से जुड़ी महिलाओं की टीम मानव तस्करी के खिलाफ जागरुकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक करने अड़की थाना क्षेत्र के कोचांग गांव गई थी। पीएलएफआई उग्रवादियों और पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा फादर अल्फांसो आइंद द्वारा किये गए षडयंत्र के तहत उन्हें कोचांग स्कूल परिसर से अगवा कर छोटाउली से आगे ले जाकर महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर प्रताड़ित किया गया था। पुरुषों को मारा-पीटा गया था और पेशाब पिलाई गई थी। इस घटना की वीडियो रिकॉडिंग भी उग्रवादियों द्वारा की गई थी। जिसकी क्लिप पुलिस के हाथ लगी थी।

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