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चेन्नई:द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि ने आज तमिलनाडु सरकार से अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में लोगों को उचित जानकारी देकर इससे जुड़ी अफवाहों पर विराम लगाने का आग्रह किया और अपनी प्रतिद्वंद्वी नेता के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की प्रार्थना की। जयललिता के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की प्रार्थना करते हुए उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि यद्यपि हमारे बीच वैचारिक अंतर है लेकिन मेरी इच्छा है कि वह जल्दी ठीक हों और हमेशा की तरह आधिकारिक जिम्मेदारी संभाले।’ करूणानिधि ने कहा कि अपोलो अस्पताल की ओर से उनके स्वास्थ्य को लेकर बुलेटिन जारी किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर अवांछित अफवाहें फैलाई जा रही हैं। बुखार और निर्जलीकरण से पीड़ित मुख्यमंत्री का इसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘कुछ लोग सोशल मीडिया पर उनके स्वास्थ्य को लेकर अवांछित अफवाह फैला रहे हैं और उस पर विराम लगाने के लिए मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की उचित जानकारी लोगों को दी जानी चाहिए।’ करूणानिधि ने कहा कि मीडिया के जरिये मुख्यमंत्री का फोटो जारी किया जाना चाहिए, जिससे किसी भी तरह की अफवाह पर विराम लग जाये। बुखार और निर्जलता की शिकायत के बाद जयललिता को 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कुछ दिन तक अस्पताल में रहने की सलाह दी गयी है।

चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को ‘बुखार और शरीर में पानी की कमी’ की शिकायत के बाद यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी एस विश्वनाथन ने बताया कि अन्नाद्रमुक की 68 वर्षीय प्रमुख को देर रात यहां अपोलो अस्पताल लाया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा मीडिया में कल देर रात जारी एक विज्ञप्ति में विश्वनाथन ने कहा , ‘तमिलनाडु की माननीय मुख्यमंत्री को बुखार और शरीर में पानी की कमी की शिकायत के बाद चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’ अधिकारी ने बताया कि अब मुख्यमंत्री की हालत स्थिर है और अस्पताल उनकी देखभाल कर रहा है।

चेन्नई: कावेरी विवाद को लेकर तमिलनाडु में आहूत बंद के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे द्रमुक नेता एम के स्टालिन एवं कनिमोई समेत कई नेताओं को आज हिरासत में लिया गया। कावेरी विवाद के मद्देनजर किसानों एवं व्यापारियों ने एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है, जिसका विपक्षी दल ने समर्थन किया है। इस बंद को राज्य में मिली जुली प्रतिक्रिया मिली। इस बीच, पुलिस ने बताया कि कावेरी विवाद को लेकर कल खुद को आग लगाने वाले युवक की बुरी तरह झुलस जाने के कारण मौत हो गई। नाम तमिझार काची का कार्यकर्ता यह युवक 90 प्रतिशत तक झुलस गया था और उसकी आज सुबह मौत हो गई। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने उसका हरसंभव उपचार किया, लेकिन उसे दिल का दौरा पड़ा और लाख प्रयासों के बावजूद हम उसे बचा नहीं सके।’ कोयंबटूर, तिरपुर और नीलगिरी जिलों में बंद के मद्देनजर कई प्रतिष्ठान बंद रहे, जिसके कारण जन जीवन प्रभावित हुआ। खबरों के अनुसार शहर के भीतर और आस पास करीब 20,000 लघु एवं मध्यम स्तर की इकाइयां और कपड़ा उद्योग के केंद्र तिरपुर में कपड़े की 30,000 से अधिक फैक्ट्रियां भी बंद रहीं। स्टालिन ने चेन्नई में राजारत्नम स्टेडियम से एग्मोर रेलवे स्टेशन तक एक रैली का नेतृत्व किया। पुलिस ने उनकी रेल रोकने की कोशिश को नाकाम कर दिया जिसके बाद वह सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रेलवे टर्मिनल के सामने बैठ गए। पुलिस ने स्टालिन को प्रदर्शनकारियों के साथ हिरासत में ले लिया।

चेन्नई: कावेरी जल विवाद के मद्देनजर कर्नाटक में तमिलों पर हमलों के खिलाफ तमिलनाडु के विभिन्न व्यापारिक एवं किसान संगठनों द्वारा आहूत किए जाने वाले 16 सितंबर के राज्यव्यापी बंद को द्रमुक सहित विपक्षी दलों ने आज अपना समर्थन दिया। द्रमुक अध्यक्ष एम. करणानिधि ने एक बयान में कहा, ‘द्रमुक ने बंद को समर्थन देने का फैसला किया है।’ उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बंद को पूर्ण समर्थन दें और इसमें बड़ी संख्या में शामिल हों। तमिल संगठनों ने कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक में तमिल लोगों पर हुए हमलों का विरोध करने और कावेरी जल बंटवारे के दीर्घकालिक समाधान की मांग को लेकर इस बंद का आह्वान किया है। एमडीएमके, वीसीके, पीएमके, माकपा और भाकपा ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है। वीसीके के संस्थापक नेता टी. तिरमावलावन ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता बंद के तहत रेल चक्काजाम में हिस्सा लेंगे और वह स्वयं भी यहां एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। तमिलनाडु ऑल फार्मर्स एसोसिएशंस की समन्वय समिति के अध्यक्ष पीआर पांडियान ने कहा कि शुक्रवार को जहां लगभग 22 लाख दुकानें बंद रहेंगी, वहीं 11 लाख लॉरी सड़कों से नदारद रहेंगी। किसान तथा राजनीतिक दलों के सदस्य प्रस्तावित रेल चक्काजाम सुनिश्चित करेंगे।

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