चेन्नई: विजयकांत के नेतृत्व वाली डीएमडीके ने सभी को हैरान करते हुए तमिलनाडु में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चार दलों के गुट पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट(पीडब्ल्यूएफ) के साथ बुधवार को एक गठबंधन किया और अभिनेता से नेता बने विजयकांत को गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के तहत डीएमडीके 124 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष 110 सीटों पर पीडब्ल्यूएफ के घटक दल (एमडीएमके, माकपा, भाकपा एवं वीसीके) चुनाव लड़ेंगे। एक तरह से वे मुख्यमंत्री पद के लिए एआईएडीएमके की जयललिता और डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि के सामने चुनौती पेश करेंगे। विजयकांत ने एमडीएमके के वाइको के नेतृत्व में पीडब्ल्यूएफ के नेताओं के साथ वार्ता की जिसके बाद गठबंधन का फैसला किया गया जबकि उन्होंने इससे पहले हाल में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। सीटों के आवंटन संबंधी समझौते पर विजयकांत, वाइको, जी रामकृष्णन (माकपा), आर मुथारासन (भाकपा) और थोल तिरमवलवन (वीसीके) ने हस्ताक्षर किए।
यह करार मीडिया में जारी किया गया है। समझौते में यह भी कहा गया है कि विजयकांत गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। इस कदम को द्रमुक के लिए एक झटका माना जा रहा है जिसने अपने नेतृत्व में अन्नाद्रमुक विरोधी सभी अहम ताकतों को साथ लाने की उम्मीद की थी और विजयकांत को शामिल करने के लिए लगातार प्रयास किए थे। समझा जाता है कि विजयकांत की पार्टी का बंधा हुआ वोट बैंक है। बीजेपी ने भी विजयकांत को गठबंधन के लिए मनाने की कोशिश की थी। एनडीए ने 2014 के लोकसभा चुनाव में डीएमडीके, पीएमके, एमडीएमके और चार अन्य छोटे दलों के साथ इंद्रधनुषी गठबंधन करके दो सीटें जीती थी। भगवा पार्टी अपनी उसकी जीत को भुनाने की कोशिश के तहत विजयकांत से गठबंधन करना चाहती थी। भाजपा ने एआईएसएमके जैसे छोटे दलों का समर्थन प्राप्त कर लिया है। वह अब पीएमके के साथ गठबंधन की कोशिश कर सकती है। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक, द्रमुक, डीएमडीके-पीडब्ल्यूएफ, भाजपा और पीएमके के नेतृत्व में विभिन्न मोर्चे के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है।