नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वह विवादास्पद न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएस करनन को कोई न्यायिक कार्य न दें जिनका कलकत्ता हाईकोर्ट में तबादला हुआ है । शीर्ष अदालत ने यह आदेश मद्रास उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के आवेदन पर दिया जो मुख्य न्यायाधीश के निजी सचिव भी हैं। उन्होंने न्यायमूर्ति करनन को कोई न्यायिक कार्य करने से रोकने का आदेश मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल द्वारा दायर आवेदन का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि न्यायमूर्ति करनन ने तबादला आदेश मिलने पर, स्वत: संज्ञान से अपने तबादले के खिलाफ आदेश पारित करने का फैसला किया और मामले को के लिए सूचीबद्ध किया।
इस अभिवेदन का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने कहा, हम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को इस बात की अनुमति देने को न्यायसंगत एवं उचित मानते हैं कि उन्हें (न्यायमूर्ति करनन को) कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए।