चेन्नई: सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाने के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए मंजूरी पाने की आखिरी कोशिश करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस पारंपरिक खेल के आयोजन को संभव बनाने के लिए अध्यादेश जारी करने की अपील की। जयललिता ने जल्लीकट्टू के आयोजन में मदद के लिए पिछले साल 22 दिसंबर को मोदी से अध्यादेश जारी करने के अपने अनुरोध को याद करते हुए कहा, 'मुद्दे की तात्कालिकता को देखते हुए मैं जल्लीकट्टू के आयोजन को संभव बनाने के लिए तत्काल अध्यादेश जारी करने के अपने पूर्व के अनुरोध को मजबूती से दोहराती हूं।' उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, 'तमिलनाडु के लोगों की ओर से मैं आपसे इसे लेकर तत्काल कार्रवाई करने की अपील करती हूं।'
जयललिता ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए पूरे राज्य में आयोजक पहले ही व्यवस्थाएं कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अध्यादेश लाने के अनुरोध के बाद केंद्र ने पोंगल के त्यौहार के हिस्से के तौर पर तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में जल्लीकट्टू के आयोजन को संभव बनाने के लिए गत सात जनवरी को एक अधिसूचना जारी की थी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'अधिसूचना हासिल करने के बाद अधिसूचना में सूचित शर्तों और सुरक्षा उपायों के अनुरूप जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए व्यवस्थाएं करने को लेकर जिलाधिकारियों को सर्कुलर भेजे गए। इस आधार पर पूरे राज्य में जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए व्यवस्थाएं की गई।' जयललिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाने के बाद अब जल्लीकट्टू का आयोजन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पोंगल त्यौहार के 14 जनवरी से शुरू होने के साथ तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों ने सभी तैयारियां और व्यवस्थाएं कर ली हैं और जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैं जो तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने खेल के आयोजन को संभव बनाने के लिए अध्यादेश की घोषणा का अनुरोध करते हुए कहा, 'तमिलनाडु के लोगों का जल्लीकट्टू के पारंपरिक कार्यक्रम के आयोजन से गहरा जुड़ाव है और उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाना बहुत जरूरी है।' जल्लीकट्टू आयोजक सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नाखुश हैं क्योंकि शीर्ष अदालत का आदेश ऐसे समय में आया है जब उन्होंने विभिन्न शहरों और गांवों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों के निवासियों ने धमकी दी है कि अगर खेल का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी गई तो वे आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मंदिर त्यौहारों का अभिन्न हिस्सा है। डीएमके नेता एमके स्टालिन ने मांग की कि केंद्र सरकार को तत्काल कानूनी तौर पर इस मुद्दे को उठाना चाहिए ताकि तमिलनाडु में खेल का आयोजन किया जा सके। एमडीएमके महासचिव और पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट के नेता वाइको ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जयललिता को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहिए ताकि दबाव डाला जा सके और मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढा जा सके।' शीर्ष अदालत ने इससे पहले दिन में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा जल्लीकट्टू पर लगी रोक को हटाने वाली अधिसूचना पर रोक लगा दी थी।