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नई दिल्ली: कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच शनिवार को पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद और तेलंगाना कांग्रेस के नेता एमए खान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी आलाकमान को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि पार्टी जनता को ये समझाने में पूरी तरह से विफल रही है कि वो अपनी पुरानी स्थिति में वापस आएगी और एक बार फिर देश की अगुआई करेगी।

उन्होंने कहा, "जब तक आप पार्टी के अध्यक्ष के रूप में सक्रिय रूप से सेवा कर रही थीं, आपने पार्टी के भीतर परामर्श प्रक्रिया का सावधानीपूर्वक पालन किया है। आपने वरिष्ठ नेता की राय को सर्वोच्च मूल्य दिया है, जिन्होंने दशकों से पार्टी को अपना जीवन समर्पित किया है। पार्टी अभी भी मजबूत है और देश की भलाई के लिए लड़ने में सक्षम है।" उन्होंने ये भी कहा कि वो अपने छात्र जीवन से ही पार्टी से जुड़े थे।

खान ने कहा, "वरिष्ठ नेता पार्टी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं क्योंकि शीर्ष नेतृत्व पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने का कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा, ना ही पार्टी उस प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है, जिसके साथ पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव करते थे। ऐसे में खुद को पार्टी से अलग करने के अलावा मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था।"

इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुए खान ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि जब से राहुल गांधी ने पार्टी कमेटी में उपाध्यक्ष का पद संभाला तब से चीजें बिगड़ गईं। उन्होंने कहा, "मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया क्योंकि राहुल गांधी द्वारा पार्टी कमेटी के उपाध्यक्ष का पद संभालने के बाद चीजें बिगड़ने लगीं। उनकी अपनी एक अलग विचार प्रक्रिया है, जो ब्लॉक स्तर से बूथ स्तर तक किसी भी सदस्य से मेल नहीं खाती है।"

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