नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी तेलंगाना के दो दिन के दौरे पर हैं. वो शनिवार को हैदराबाद पहुंचे। उन्हें यहां रविवार को एक रैली को भी संबोधित करना है। पीएम के तेलंगाना दौरे के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता राज्य के सीएम केसीआर से खासे नाराज दिख रहे हैं। इसकी वजह सीएम केसीआर द्वारा पीएम की अगवानी के लिए एयरपोर्ट पर ना जाने को बताया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर अब भाजपा और टीआरएस के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। दरअसल, तेलंगाना के सीएम पीएम मोदी की अगवानी की बजाय विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की अगवानी के लिए चले गए थे। उनके द्वारा पीएम को इग्नोर करना भाजपा नेताओं को रास नहीं आया। लिहाजा, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने केसीआर पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया है। हालांकि, भाजपा के आरोपों पर तेलंगाना सरकार के मंत्री ने भी पलटवार किया है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी का विरोध करते-करते विपक्षी पार्टियां देश का विरोध करने लगी हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पीएम पिछले आठ साल से सबसे मर्यादा और आदर से मिलते हैं। आज यहां जिस दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार का आपने उल्लेख किया वह न केवल संवैधानिक बल्कि सांस्कृतिक परंपरा का भी उल्लंघन हैं। तानाशाह वह है जो संविधान की मर्यादा को भंग करे। आज तानाशाह केसीआर है। केसीआर परिवार के लिए राजनीति सर्कस हो सकती हैँ, हमारे लिए यह राष्ट्रनीति का माध्यम है। शायद वे राजनीति को गंभीरता से नहीं लेते। कार्यकारिणी का किसी शहर में होनी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए गौरव का विषय है.
वहीं, भाजपा के एमएलसी एन रामचंद्रन राव ने कहा कि राज्य में अगर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री आते हैं तो प्रोटोकॉल के तहत सीएम को उनकी अगवानी के लिए जाना होता है। इस परंपरा को तोड़ना कहीं से भी सही नही हैं। हमे पीएम को सम्मान देने चाहिए, वो पूरे देश के पीएम हैं।
इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि "पत्र और भावना में सहकारी संघवाद हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए सीएम और पीएम दोनों की संस्था का अपमान किया है। केसीआर छिप सकते हैं लेकिन उनकी भ्रष्ट राजनीति छिपी नहीं रहेगी।"
उधर, तेलंगाना सरकार के मंत्री टी श्रीनिवास यादव ने कहा कि आखिर पीएम की अगवानी के लिए केसीआर का जाना ही क्यों जरूरी था? प्रोटोकॉल के अनुसार, राज्य सरकार की तरफ से किसी को उनकी अगवानी के लिए जाना था, तो बतौर मंत्री वहां गया।