हैदराबाद: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि बच्चों के साथ यौन शोषण करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने के अलावा उनका नाम उजागर कर उन्हें शर्मिंदा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल अधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि यौन अपराधों से नाबालिगों को बचाने के लिए बनाए गए कानून को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।
कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि 'आखिरकार, मैं यह कहना चाहूंगा कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार है। चाहे वह परिवार के सदस्य हों, चाहे बाहर का कोई व्यक्ति हो, जो दरिंदे बन जाते हैं, उन सभी का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। उनका नाम उजागर कर उन्हें शर्मिंदा करना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि इस अपराध की पीड़ित लड़कियों का सम्मान होना चाहिए क्योंकि वे उनके खिलाफ हुए अपराध के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। बाल यौन उत्पीड़न और तस्करी के खिलाफ अपनी 'भारत यात्रा' के तहत हैदराबाद पहुंचे सत्यार्थी ने कहा कि उस 'सालों पुरानी मानसिकता' को बदलने की आवश्यकता है।
जिसके चलते पीड़ित और उनके परिवार डर में जी रहे हैं।