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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को अपने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया। अब तक मुख्यमंत्री के अधीन ही रहा गृह विभाग उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा को सौंपते हुए सीएम ने विजिलेंस अपने पास रखा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग दूसरे उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी को दिया गया है।

वहीं दूसरी ओर, चन्नी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए पुराने मंत्रियों के विभागों में मामूली बदलाव करते हुए ज्यादातर को उनके पुराने विभाग ही सौंप दिए गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में जेल और सहकारिता मंत्री रहे सुखजिंदर रंधावा को चन्नी मंत्रिमंडल में गृह विभाग के साथ ही यह दोनों विभाग भी दिए गए हैं जबकि मनप्रीत सिंह बादल पहले की तरह वित्त विभाग देखेंगे।

विजय इंदर सिंगला इस बार भी पीडब्ल्यूडी मंत्री है, हालांकि उनसे शिक्षा विभाग लेकर परगट सिंह को सौंपा गया है। तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के पास भी पहले ही तरह ग्रामीण विकास एवं पंचायत और पशुपालन विभाग रहेंगे जबकि रजिया सुल्ताना को अरुणा चौधरी के विभाग- सामाजिक सुरक्षा व महिला एवं बाल विकास दिए गए हैं।

चंडीगढ़: पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी सरकार की सरकार को विस्तार हो गया है। 15 नए मंत्रियों को रविवार को शपथ दिलाई गई। कैबिनेट में 6 नए चेहरों को शामिल किया गया है। ये छह पिछली कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री नहीं थे। नौ मंत्री पिछली अमरिंदर सरकार में भी सरकार में शामिल थे।

जिन मंत्रियों को शपथ दिलाई गई उनमें उसमें राणा गुरजीत सिंह का नाम भी शामिल है, लेकिन उन्हें लेकर कुछ कांग्रेस विधायकों ने अपना विरोध जताया। 6 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को चिट्ठी लिखकर इनकी जगह किसी अनुसूचित जाति के विधायक को जगह देने की बात रखी थी। राणा गुरजीत सिंह कैप्टन अमरिंदर सरकार की पहली सरकार में मंत्री थे लेकिन अवैध खनन के आरोपों के बाद उन्हें 2018 में मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। गुरजीत सिंह पंजाब में सबसे अमीर विधायक हैं। इस कैबिनेट विस्तार में नवजोत सिंह सिद्धू के क़रीबी कुलजीत नागरा को हटा दिया गया है।

चंडीगढ़: पंजाब में नई कैबिनेट के गठन में चेहरों के नाम पर मुहर लग चुकी है और आज यानी रविवार को शाम 4:30 शपथ ग्रहण समारोह होना है। लेकिन इससे पहले कैबिनेट गठन में एक नई चुनौती सामने आ रही है। दरअसल, शपथ ग्रहण समारोह के कुछ घंटे पहले छह विधायकों ने राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को पत्र लिखकर नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में "दागी राणा गुरजीत सिंह को शामिल करने के प्रस्ताव" का विरोध किया।

विधायकों ने बताया कि राज्य के सबसे अमीर विधायकों में से एक गुरजीत सिंह को जनवरी 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, जिसमें उन्हें और उनके परिवार से जुड़े एक "कुख्यात" रेत खनन घोटाले के कारण राज्य को ₹ 25 करोड़ का नुकसान हुआ था। विधायकों ने यह भी कहा कि यह "दिलचस्प" है कि पंजाब के दोआबा क्षेत्र से प्रस्तावित कैबिनेट नाम जाट सिख और ओबीसी सिख थे, लेकिन इस क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत दलित आबादी थी।

चंडीगढ़: पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नामों की घोषणा के बाद शपथ ग्रहण आज होने वाला है। चुने गए मंत्री शाम साढ़े चार बजे शपथ लेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर शपथ ग्रहण का समय मांगा था। 

जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर शुक्रवार रात 10 बजे से चार घंटे तक चली बैठक में मंत्रियों की जिस सूची को हरी झंडी दी गई है, उनमें 7 नए चेहरों के शामिल करने के साथ ही कैप्टन मंत्रिमंडल के 5 मंत्रियों को हटा दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों की फाइनल सूची में ब्रह्म मोहिंदरा, राणा गुरजीत, मनप्रीत बादल, तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, अरुणा चौधरी, रजिया सुल्ताना, डॉ. राज कुमार वेरका, भारत भूषण आशु, विजय इंदर सिंगला, गुरकीरत कोटली, राजा वड़िंग, संगत सिंह गिलजियां, काका रणदीप सिंह, परगट सिंह, कुलजीत सिंह नागरा के नाम शामिल हैं।

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