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कोलकाता: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की लिव इन पार्टनर रहीं रिया चक्रवर्ती को और अधिक प्रताड़ित किए बगैर रिहा करने की रविवार को मांग की। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने सुशांत की हत्या की आशंका को शनिवार को खारिज करते हुए इसे फंदे से लटक कर खुदकुशी करने का मामला बताया था। चौधरी ने सुशांत की मौत से जुड़े ड्रग्स पहलू की जांच के सिलसिले में रिया की गिरफ्तारी के बाद कुछ दिन पहले कहा था कि अभिनेत्री को बेवजह फंसाया जा रहा है।

उन्होंने ट्विटर पर दावा किया कि वह (रिया) एक ''राजनीतिक साजिश का शिकार हुई है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने ट्वीट किया , ''अब भाजपा का दुष्प्रचार तंत्र एम्स की फॉरेंसिक टीम पर आरोप लगा सकता है, जिसने सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की साजिश रिया द्वारा रचे जाने के आरोप को अमान्य ठहरा दिया है।''

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भले ही विधानसभा चुनाव अभी दूर हो लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति अभी से खराब होती नजर आ रही है। रविवार को एक भाजपा नेता मनीष शुक्ला की उत्तरी 4 परगना जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के भाजपा केन्द्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

कैलाश वियजवर्गीय ने कहा- “भाजपा वर्कर मनीष शुक्ला को टीटागढ़ पुलिस स्टेशन (उत्तरी 24 परगना जिला) के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले की जांच सीबीआई के द्वारा की जानी चाहिए।”

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाथरस मामले और कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर अपना लिए हैं। ममता ने कोलकाता में बिड़ला प्लैनेटोरियम से गांधी प्रतिमा तक एक रैली की अगुवाई की। रैली के बाद अपने संबोधन में उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में दलित-अल्पसंख्यक और किसानों पर अत्याचार हो रहे हैं। ममता ने एलान किया कि भाजपा की तानाशाही नीतियों के खिलाफ राज्य में जिले और ब्लॉक स्तर पर रैलियां आयोजित की जाएंगी।

ममता ने कहा, कोविड महामारी है, लेकिन भाजपा उससे बड़ा खतरा है। यह जुल्मोसितम ढाने वाली महामारी है। उसे रोकने के लिए हर प्रयास को तृणमूल मदद देगी। तेजतर्रार ममता ने हाथरस में पीड़िता के परिजनों से मिलने का संकेत भी दिया। उन्होंने कहा, "कल मैं हाथरस में पीड़ित परिवार से मिल भी सकती हूं और उन्हें पता भी नहीं चलेगा। हाथरस की बेटी हमारी बेटी है। अगर हमें देश के भविष्य को सुनहरा और बेहतर बनाना है तो हमें दलितों और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ खड़ा होना होगा। आज मैं हिन्दू नहीं हूं, मैं दलित हूं।"

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर ममता बनर्जी के शासन पर प्रहार करते हुए कहा है कि उन्हें राज्य की शक्तियां अपने हाथ में लेने पर विचार करना होगा। पश्चिम बंगाल में पुलिसिया शासन का आरोप लगाते हुए राज्यपाल ने कहा कि  पुलिस शासन और लोकतंत्र साथ-साथ नहीं चल सकते। राज्यपाल धनखड़ ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। माओवादी उग्रवाद अपना सिर उठा रहा है। लंबे समय से अनदेखी हो रही है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 154 (जो राज्य के अधिकार राज्यपाल में निहित होने की बात करता है) पर विचार करना पड़ेगा।

गौरतलब है कि राज्य की कार्यपालिका शक्ति को बताने वाले संविधान के अनुच्छेद 154 में कहा गया है कि राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वंय या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं।

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