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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के वन मंत्री राजिब बनर्जी ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जनवरी 2021 में ही तृणमूल कांग्रेस सरकार छोड़ने वाले वह तीसरे मंत्री हैं। राजिब ने जब शुक्रवार को मीडिया के सामने अपने इस्तीफे की वजह बताई तो अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके। वह फूट-फूट कर रोने लगे। राजिब ने कहा कि उन्हें कोई औपचारिक सूचना दिए बिना उनका विभाग बदल दिया गया। इस कारण वह कैबिनेट मंत्री के तौर वन विभाग के मंत्रिपद से इस्तीफा दे रहे हैं। टीएमसी के कई नेता हाल ही में भाजपा में शामिल हो चुके हैं। बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी त्यागपत्र भेजा, जिसे बाद में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने स्वीकार कर लिया। राजभवन में राज्यपाल धनखड़ से मुलाकात के बाद जब राजिब बाहर आए तो उन्होंने कहा कि वह बुरी तरह आहत हुए जब उन्हें एक टीवी चैनल के जरिये उनका विभाग सिंचाई से वन किए जाने की जानकारी मिली।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस में उथल-पुथल का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है। एक के बाद एक कई नेपा पार्टी को अलविदा कह चुके हैं तो शुक्रवार को पार्टी ने एक विधायक को पार्टी से निकाल दिया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने तृणमूल सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि तृणमूल कांग्रेस ने विधायक बैशाली डालमिया को पार्टी से निकाल दिया है। बेल्ली से विधायक डालमिया टीएमसी नेतृत्व के एक वर्ग के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपनी बात रख चुकी हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि 'पार्टी में ईमानदार लोगों के लिये कोई जगह नहीं है।'

टीएमसी ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को उसकी अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें डालमिया को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। इससे कुछ ही घंटे पहले तृणमूल के ही वरिष्ठ नेता राजीव बनर्जी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। डालमिया ने बनर्जी के इस्तीफे के लिए भी पार्टी नेतृत्व की आलोचना की। डालमिया बीते कुछ दिनों से अपनी ही पार्टी के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए हुए थीं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि तृणमूल के कुछ भ्रष्ट नेता दीमक की तरह पार्टी को चट कर रहे हैं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में गुरुवार को एक नई पार्टी अस्तित्व में आ गई है. गुरुवार को 35 साल के मुस्लिम धर्मगुरू अब्बास सिद्दीकी ने अपनी नई पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) का एलान किया है। इस पार्टी के सामने आने से पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटबैंक की तस्वीर बदल सकती है। सिद्दीक़ी की अभी राजनेता के तौर पर हैसियत साबित नहीं हुई है, हालांकि, ऐसी जानकारी है कि वो लगभग 50 सीटों तक अपनी नई पार्टी के नेता उतार सकते हैं। हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के धर्मगुरू सिद्दीक़ी यहां पर दलित, मटुआ और मुस्लिम समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं। उन्हें यहां पर 'भाईजान' के नाम से बुलाया जाता है। 

दिलचस्प बात यह है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल का चुनाव लड़ने का ऑफर दे चुके हैं। वो 3 जनवरी को यहां आए थे और सिद्दीक़ी से मिले थे। ऐसी जानकारी है कि सिद्दीक़ी ने एक वक्त तृणमूल के साथ लड़ने के बदले में 40 सीटों की मांग की थी, जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने अकेले ही मैदान में लड़ने का फैसला किया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में शांतिपुर से विधायक अरिंदम भट्टाचार्य बुधवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। नदिया जिले के शांतिपुर विधानसभा क्षेत्र से अरिंदम भट्टाचार्य विधायक हैं।

बता दें कि भट्टाचार्य कांग्रेस के टिकट पर 2016 में चुनाव जीते थे और अगले साल ही टीएमसी में शामिल हो गए थे। अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं। बता दें कि ममता सरकार के दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी पिछले महीने भाजपा में शामिल हो गए थे एवं उनके साथ आधा दर्जन से अधिक टीएमसी नेताओं ने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था।

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के शांतिपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। इस मौके पर भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गले लगाकर अरिंदम का पार्टी में स्वागत किया। 

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