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पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के प्रमुख जीतन राम मांझी गुरुवार को अपने चार सदस्यीय विधायक दल के नेता चुने गए। मांझी के यहां स्थित आवास पहुंचे ‘हम' के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी विधायक दल का नेता चुना। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर ‘हम' के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा मांझी को सम्मानित किया गया। मांझी निवर्तमान विधानसभा में ‘हम' के अकेले विधायक हैं।

मांझी ने कहा कि एक बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे। बाद में पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों को राज्य की प्रगति के लिए एनडीए में शामिल होने की सलाह दी। मांझी ने कहा, 'व्यक्तिगत तौर पर जहां तक मेरा मानना है तो हम कहेंगे कि कांग्रेस के विधायक विचार करें और नीतीश जी का साथ दें।' वर्ष 1980 में मांझी ने कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। बाद में वह राष्ट्रीय जनता दल और फिर जनता दल यूनाइेटड में चले गए।

पटना: बिहार चुनाव का नतीजा आने के दो दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार गुरुवार की शाम मीडिया के सामने आए। सबसे पहले वह जदयू के कार्यालय पहुंचे और नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करने के साथ ही वहां पहुंचे कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में शामिल सभी दलों के नेता बैठक करेंगे। बैठक के बाद नेता का नाम तय होगा। उन्होने शुक्रवार को एनडीए के चारों दलों की बैठक होने की संभावना जताई। नीतीश ने यह भी साफ कर दिया कि शपथ ग्रहण को लेकर अभी कोई तारीख नहीं तय हुई है। कौन मुख्यमंत्री बनेगा पूछने पर नीतीश ने कहा कि मैं कहां कोई दावा कर रहा हूं? निर्णय एनडीए द्वारा लिया जाएगा।

नीतीश ने कहा कि हमारे सभी सहयोगी दलों ने मिलकर एनडीए के लिए काम किया है। बिहार के लोगों ने हम लोगों को बहुमत दिया है। एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है। सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया है। एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि हम लोगों पर कोई दबाव नहीं बनाया गया। एक-एक सीट का विश्लेषण हो रहा है। एनडीए के सभी घटक दल मिलकर काम करेंगे। हम लोगों ने समाज के हर वर्ग के लोगों की सेवा की है। 

पटना: बिहार चुनाव के नतीजों का गुरुवार को महागठबंधन ने मंथन किया। पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बैठक में राजद नेता तेजस्वी यादव को नेता चुना गया। इसके बाद पत्रकारों से चर्चा में तेजस्वी बोले,'हम चुनाव हारे नहीं हैं, बल्कि हमें जीत मिली है। जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में आया है। चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में आया है। ये लोग छल कपट के जरिए सरकार का गठन कर रहे हैं।' तेजस्वी ने आगे कहा, '2015 में भी हमारे पक्ष में फैसला आया था, लेकिन भाजपा चोर दरवाजे से सरकार में आ गई थी। इस चुनाव में हमने गरीबी, भूखमरी, रोजगार, नौकरी का मुद्दा उठाया।' उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सत्ता हथियाना चाहते हैं। 

राजद नेता ने कहा, मेरी सीट पर तीन बजे तक मतगणना प्रक्रिया पूरी हो गई थी, लेकिन नतीजों का सर्टिफिकेट आधी रात को दिया गया। उन्होंने कहा, काउंटिंग से एक दिन पहले रात में एक गाड़ी निकली। इस गाड़ी में बैलेट पेपर ले जाया जा रहा था, जबकि चुनाव आयोग का नियम है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होती है, लेकिन इस बार पोस्टल बैलेट की गिनती को बाद में किया गया। 

पटना: राजधानी पटना में गुरुवार को राबड़ी आवास पर महागठबंधन की बैठक हुई। इस बैठक में 110 विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के साथ-साथ महागठबंधन का नेता भी चुन लिया और तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगा दी। राबड़ी आवास पर हुई बैठक में राजद के साथ कांग्रेस और वामदल के विधायक मौजूद रहे। इस बैठक में राजद नेताओं के साथ-साथ पार्टी के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, बिहार प्रभारी सचिव विरेंद्र सिंह राठौर भी शामिल रहे। 

इससे पहले कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की पटना स्थित पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में भी बैठक भी हुई। बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। इस मौके पर पार्टी के वरीय नेताओं ने नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मंत्रणा की। बैठक के दौरान नेताओं के चेहरे पर कम सीटों के कारण सरकार नहीं बना पाने का मलाल साफ तौर पर दिख रहा था। बिहार में तीन चरणों में 243 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को 125 सीटें हासिल हुईं तो महागठबंधन ने 110 सीटों के साथ कड़ी टक्कर दी।

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