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पटना (जनादेश ब्यूरो): पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों के समर्थन में 12 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है।

पटना में शनिवार को एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, "बीपीएससी परीक्षा अब मुद्दा नहीं है। मुद्दा है देश की परीक्षाओं का पेपर लीक होना। आज बीपीएससी, कल सिपाही भर्ती, परसों क्लर्क परीक्षा, तरसों मेडिकल परीक्षा का पेपर लीक होना। हाल-फिलहाल में ही मेडिकल परीक्षा से संबंधित कागजात और जले एडमिट कार्ड जेडीयू विधायक के भतीजे के कमरे से मिले हैं। जो भी पेपर लीक हो रहा है, चाहे वो संजीव मुखिया हो या कोई परीक्षा माफिया हो, माफियाओं का रिश्ता किसी न किसी बड़े नेताओं या उनके रिश्तेदारों से रहा है।"

पप्पू यादव बोले- छात्र और दुकानदार कर रहे समर्थन

उन्होंने कहा कि भविष्य की सभी परीक्षाओं में बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। बिना सरकार और पदाधिकारियों के मिलीभगत से पेपर लीक नहीं हो सकता है।

पटना (जनादेश ब्यूरो): बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को सत्ताधारी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम लोग गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटते थे। लोगों के चेहरों पर खुशी होती थी। परिवार के लोगों में खुशी होती थी। आज उसी गांधी मैदान में लाठीचार्ज हो रहा है। लोगों की आंखों में आंसू हैं, सिर फटा है, अस्पताल में भर्ती हैं, मुकदमा झेल रहे हैं।

हमारी सरकार में कभी भी पेपर नहीं हुआ लीक: तेजस्वी यादव

'कार्यकर्ता दर्शन और संवाद दौरा' के क्रम में बक्सर पहुंचे तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि हमारी सरकार में कभी भी पेपर लीक नहीं हुआ, हमारी सरकार हटने के बाद ही ऐसा हो रहा है। मैट्रिक परीक्षा से लेकर बीपीएससी की परीक्षा तक पेपर लीक हो रहा है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने महागठबंधन की सरकार में किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के राज में शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग कर रहे थे तो डंडा खा रहे थे। उनको हमने राज्य कर्मी का दर्जा दिया।

पटना (जनादेश ब्यूरो): बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) में शामिल हुए 68 अभ्यर्थियों पर आयोग द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर मंगलवार को रोक लगा दी। बीएसपीसी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "टीआरई-3 परीक्षा में शामिल हुए इन अभ्यर्थियों को बीपीएससी द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया है।"

सिंह ने कहा कि फोरेंसिक सहित अन्य जांच के दौरान विशिष्ट विसंगतियां पाई गईं। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि इन 68 अभ्यर्थियों ने उक्त परीक्षा पास कर ली थी लेकिन उनकी जगह दूसरे लोग परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बीएसपीसी ने टीआरई-3 के तहत विभिन्न शिक्षण पदों के लिए कुल 89,581 रिक्तियों की घोषणा की थी और इसके लिए 19 जुलाई 2024 से शुरू होकर 22 जुलाई 2024 तक परीक्षा आयोजित की गई थी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में कथित अनियमितताओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई से संबंधित याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इंकार कर दिया। भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायतों के साथ पटना उच्च न्यायालय का रुख करें।

याचिकाकर्ता ‘आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट’ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने पीठ से याचिका पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश ने उन शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बिहार पुलिस की बर्बर कार्रवाई देखी है, जिन्होंने बीपीएससी की विवादास्पद परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘हम आपसे पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कह रहे हैं।’’ हालांकि, अधिवक्ता ने कहा, ‘‘यह पेपर लीक एक दैनिक मामला है।’’

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