नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में असहज महसूस कर रहे थे और इसी वजह से उन्होंने दूसरे दलों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
कभी कुमार के करीबी माने जाने वाले किशोर ने कहा कि बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम का असर फिलहाल राज्य तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा कि अल्पावधि में राष्ट्रीय स्तर पर इस बदलाव का कोई असर दिखने की संभावना नहीं है।
किशोर ने पटना में समाचार चैनल को कहा, ‘‘ 2017 से 2022 तक वह भाजपा के साथ थे, लेकिन कई कारणों से मैंने उन्हें कभी सहज नहीं पाया। उन्होंने सोचा होगा कि क्यों न महागठबंधन के साथ प्रयोग किया जाए।’’ कुमार के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं की खबरों पर, किशोर ने कहा कि घटनाक्रम पूरी तरह से केवल बिहार तक सीमित है।
उन्होंने कहा कि 2012-13 से बिहार में सरकार बनाने के लिए छह तरह के गठबंधन किए गए और हमेशा नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने।
किशोर ने समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ से कहा, ‘‘ जहां तक सरकार गठन का सवाल है, 2012-13 के बाद से यह छठा प्रयोग है। इन सभी समय नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने। हालांकि, बिहार की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। मैं उम्मीद करता हूं कि नयी सरकार कुछ अच्छा करेगी।’’
किशोर ने ‘सीएनएन न्यूज 18’ से कहा कि यह देखना होगा कि नयी सरकार कुछ करती है या नहीं, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) का भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर रुख एकदम अलग है।