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मधुबनी: बिहार के मधुबनी जिले में सोमवार को एक बस के सड़क किनारे स्थित तालाब में गिरने से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मधुबनी में बेनीपट्टी पुलिस थानांतर्गत बसइता चौक पर हुई। इसके पहले बेनीपट्टी की पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) निर्मला कुमारी ने कहा कि अभी तक चार शव तालाब से निकाले जा चुके हैं और अन्य की तलाश जारी है। इस बस में करीब 65 यात्री सवार थे जिसमें से कुछ तैरकर सुरक्षित निकल गए, जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों के मरने की आशंका है। राज्य राजमार्ग पर जब यह दुर्घटना हुई, यह निजी बस मधुबनी से सीतामढ़ी जा रही थी। घटनास्थल पर क्रेन के पहुंचने में विलंब को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने घटनास्थल जा रही पुलिस टीम पर पथराव किया। पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिसकर्मी दुर्घटनास्थल पर फंसे हैं और पुलिस बल के यहां पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस बीच पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बस दुर्घटना में यात्रियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। कुमार ने राजस्व मंत्री मदन मोहन झा और पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया। राज्य आपदा कार्यबल की एक टीम दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने इस बस हादसे के पीड़ितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

पटना/नई दिल्‍ली: राजद के विवादास्पद बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की रिहाई को लेकर आलोचनाओं से घिरी बिहार की नीतीश कुमार सरकार उनकी जमानत रद्द कराने के लिए आखिरकार उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है। जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार ने शुक्रवार को शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर कर दिया है। शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई के बाद बिहार सरकार तीखी आलोचना झेल रही थी। पटना उच्च न्यायालय की ओर से जमानत दिए जाने के बाद नीतीश सरकार पर हमले तेज हो गए थे। दूसरी ओर, उच्चतम न्यायालय राजद के विवादित नेता शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत के खिलाफ सिवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है। गैंगेस्टर से नेता बने शहाबुद्दीन ने प्रसाद के चार में से तीन बेटों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी। बता दें कि शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद भाजपा नीत विपक्ष ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया था। जेल से राजद नेता की रिहाई के बाद समर्थकों की भीड़ ने कुमार को असहज स्थिति में डाल दिया था। उनकी पार्टी जदयू के नेताओं ने भी संकेत दिया था कि सरकार शहाबुद्दीन की जमानत रद्द किए जाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है।

पटना: माफिया से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन के जमानत पर रिहा होने की पृष्ठभूमि में बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (गुरूवार) कहा कि अपराध की घटनाओं के कारण कानून कभी नाकाम नहीं होता और अपराधियों के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अपराध की घटनाओं के कारण क्या कानून नाकाम हुआ है? कानून कभी नाकाम नहीं होता। कानून के प्रावधानों के तहत अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। ’ जदयू की युवा शाखा की एक रैली को रवाना करने के बाद कुमार ने कहा, ‘मृत्युदंड के बावजूद हत्या होती है। राज्य सरकार आपराधिक मानसिकता वाले लोगों के साथ कड़ाई और कानून के मुताबिक निपटती है।’’ राज्य में शराबबंदी लागू करने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने शराब पर प्रतिबंध का विरोध करने वालों को गरीबों के यहां जाकर देखने और उनकी जिंदगी में शराबंदी से आए सकारात्मक असर का अध्ययन करने को कहा ।

नई दिल्ली: राजद नेता मो. शहाबुद्दीन को जमानत मिलने को लेकर बिहार सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री की आलोचनाओं के बीच राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शहाबुद्दीन और सुशासन साथ-साथ नहीं चल सकते। नीतीश कुमार भले ही शहाबुद्दीन के बयानों को महत्व नहीं देते हों लेकिन जनता समझ रही है कि जमानत, जुलूस और जुबान की तल्खी राज्य के विकास पर कितनी भारी पड़ेगी। सुशील मोदी ने सवाल किया कि जो शहाबुद्दीन जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचता था, गवाहों को धमकाता था और जिसके आतंक की वजह से 2006 में सरकार को उसके मामलों की सुनवाई के लिए जेल में ही विशेष न्यायालय गठित करने का निर्णय लेना पड़ा था, क्या उसके जेल से बाहर रहते पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की निष्पक्ष जांच और राजीव रौशन हत्याकांड सहित अन्य मामलों की सुनवाई संभव हैं? भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि क्या अपराधी शहाबुद्दीन के सभी मामलों की त्वरित सुनवाई कराते हुए मुख्यमंत्री उस पर (क्राइम कंट्रोल एक्ट) सीसीए लगाने की हिम्मत करेंगे और सीसीए की प्रक्रिया पूरी होने तक उसे बिहार से बदर करेंगे? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रीजी, शहाबुद्दीन और सुशासन साथ-साथ नहीं चल सकता, आपको किसी एक को चुनना पड़ेगा।

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