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नई दिल्ली: बिहार में आतंक का पर्याय और राजद नेता शहाबुद्दीन फिर जेल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे रद्द कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने नीतीश सरकार की जबरदस्त खिंचाई भी की। कोर्ट ने ये भी कहा है कि शहाबुद्दीन जल्द से जल्द सरेंडर करें। हालांकि बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पिछले दिनों शहाबुद्दीन की ओर से कहा गया कि उन्हें बार-बार हिस्ट्रीशीटर कहा जाता है लेकिन इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं तो उन्हें भी जमकर फटकार पड़ी। पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस पीसी घोष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दो आदेश हैं जिनमें उन्हें हिस्ट्रीशीटर माना गया है। क्या ये गलत कहे जा सकते हैं। कोर्ट ने आगे कहा, हम इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं कि हिस्ट्रीशीटर को जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले सुनवाई के दौरान जस्टिस घोष और जस्टिस अमिताव रॉय की पीठ ने बिहार सरकार से पूछा था कि क्या शहाबुदीन की जमानत अर्जी की सुनवाई के समय अभियोजन अधिकारी कोर्ट में गए थे। हाईकोर्ट को क्या यह बताया गया था कि ट्रायल शुरू होने में नौ माह की देरी शहाबुद्दीन के कारण ही हुई है।

नई दिल्ली: हत्या के एक मामले में विवादित राजद नेता शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों पर उच्चतम न्यायालय ने आज अपना फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने अपना आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया। इससे पहले शहाबुद्दीन तथा अन्य लोगों की ओर से पेश हुए वकीलों ने मामले में अपनी अपनी दलीलें पीठ के समक्ष रखीं। वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे शहाबुद्दीन की ओर से पेश हुए और उन्होंने अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों का विरोध करते हुए कहा कि सामान्य परिस्थितियों में जीवन और छूट के आधार का हनन नहीं किया जाना चाहिए। न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के समक्ष तथ्य नहीं रखने के लिए बिहार सरकार को कल कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था ‘‘क्या उसके जमानत पाने तक आप सोए हुए थे। ’ उच्च न्यायालय ने हत्या के मामले में राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत दी थी। नीतीश कुमार सरकार के वकील से शीर्ष अदालत ने कड़े सवाल किए थे और शहाबुद्दीन के खिलाफ मामले का अनुसरण करने में गंभीर नहीं रहने के लिए उन्हें फटकार लगाई थी। नीतीश सरकार में राजद भी सहयोगी दल है। सीवान निवासी चंद्रकेश्वर प्रसाद की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए कल कहा था कि उसे जमानत पर रिहा करना न्याय का मजाक है। चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन पुत्रों की दो अलग अलग घटनाओं में हत्या कर दी गई थी। शहाबुद्दीन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे ने कहा था कि उनका मुवक्किल मीडिया ट्रायल का शिकार है।

पटना: बिहार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू के विरूद्ध आज एक स्थानीय अदालत में एक शिकायत दर्ज कर उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाए जाने का आग्रह किया गया है। अधिवक्ता अरविंद कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश की अदालत में काटजू के खिलाफ भादंसं की धारा 124 ए, 500, 501 और 505 के तहत आज एक परिवाद पत्र दायर किया। अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई की तारीख मुकर्रर की जानी अभी बाकी है। काटजू ने पाक को दिया ऑफर, कश्मीर तो देंगे बशर्ते साथ में बिहार भी लेना पड़ेगा, नीतीश ने जताई कड़ी आपत्ति और पढ़ें काटजू ने पाक को दिया ऑफर, कश्मीर तो देंगे बशर्ते साथ में बिहार भी लेना पड़ेगा, नीतीश ने जताई कड़ी आपत्ति काटजू ने फेसबुक पर टिप्पणी की थी कि ‘पाकिस्तान को हम कश्मीर एक शर्त पर दे सकते हैं कि उसे कश्मीर के साथ-साथ बिहार भी लेना पडेगा।’ बिहार विधान परिषद में जदयू सदस्य नीरज कुमार ने कल शाम पटना के शास्त्रीनगर थाने में काटजू के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा किए जाने को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी। विरोध होने पर काटजू ने कल सफाई देते हुए फेसबुक पर बाद में लिखा था कि वह बस मजाक कर रहे थे। लेकिन आज फिर उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि बिहारवासियों को उनके खिलाफ शिकायत संयुक्त राष्ट्र में करना चाहिए। जब द्रोपदी का चीरहरण हुआ था तो उन्होंने अपने सम्मान की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण से अपील की थी। उन्होंने आगे कहा, ‘नीतीश कुमार कहते हैं हम अपने को बिहार का ‘माई-बाप’ मानने लगे हैं। मैं बिहारवासियों का ‘माई-बाप’ नहीं बल्कि उनका शकुनी मामा हूं।’

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू की बिहार को लेकर की गयी टिप्पणी पर आज कड़ी आपत्ति जतायी और कहा कि वह प्रदेश के माई बाप बन रहे हैं। पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने काटजू की बिहार को लेकर की गयी टिप्पणी पर उनका नाम लिए बिना कहा, ‘घर बैठे बिहार के माई-बाप बन रहे हैं’। नीतीश ने काटजू के खिलाफ उक्त प्रतिक्रिया उनके द्वारा फेसबुक के जरिए की गयी उक्त टिप्पणी ‘हम पाकिस्तान को हम कश्मीर एक शर्त पर दे सकते हैं, पाक को कश्मीर के साथ-साथ बिहार भी लेना पडेगा।’ उन्होंने कहा ‘आजकल कुछ लोगों को छपने की बीमारी होती है, न तो बिहार पर कुछ-कुछ बोल देंगे। सुना है कि एक आदमी ने कुछ बोला है, कश्मीर के साथ बिहार को भी देने को तैयार हैं, लगता है वे बिहार के माई-बाप हैं, मालिक हैं क्या, तरह-तरह का बात बोलते हैं।’ मुख्यमंत्री ने बिहार जो कि भगवान बुद्ध, महावीर, चाणक्य और शून्य का अविष्कार करने वाले आर्यभट्ट की धरती रही है। उसके गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि मगध शासक जिनका शासन क्षेत्र पूरा देश था उनकी राजधानी पाटलीपुत्र रही है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी काटजू की बिहार को लेकर की टिप्पणी पर कड़ा एतराज जताते हुए आज कहा कि बिहार में संसाधनों की कमी हो सकती है, पर यह प्रदेश काटजू को बिहार का अपमान करने की खुली छूट नहीं देता। बिहार ने देश को अच्छे बुरे समय में राह दिखायी है। बिहार में सत्ताधारी जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने काटजू के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाए जाने की मांग की है।

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