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इंफाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जातीय संघर्ष से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य से रवाना होने के एक दिन बाद ही मणिपुर के विभिन्न हिस्सों से शुक्रवार को उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं सामने आईं। अपनी यात्रा के दौरान शाह ने शांति और सामान्य स्थिति की वापसी की अपील की थी।

एक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बिष्णुपुर जिले के चांदोलपोकपी, तांगजेंग, पोम्बिखोक और कामसन गांवों में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ की। उग्रवादियों के हमले के बाद स्थानीय लोगों को तांगजेंग गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उग्रवादियों ने चुराचांदपुर जिले के बेथेल गांव में घरों को भी आग लगा दी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप चिंगखोंग इलाके में विद्रोहियों ने एक घर को जला दिया और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई। हालांकि इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि राज्य में जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई और 310 अन्य घायल हो गए।

इंफाल: केंद्रीय मंत्री अमित शाह मणिपुर दौरे पर हैं। इस दौरान एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि मणिपुर में जब से भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनी है, तब से राज्‍य विकास के पथ पर आगे निकल पड़ा है। लेकिन पिछले दिनों हुई हिंसक घटनाओं में यहां कई लोगों की जान गई। मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हम काम कर रहे हैं। हिंसा की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाएगी। शांति समिति का गठन किया जा रहा है।

शांति समिति भी गठित होगी: अमित शाह

अमित शाह ने इंफाल में कहा, "पिछले छह वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले एक महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिन नागरिकों की हमले की हिंसा में मृत्यु हुई है, उनके परिजनों के प्रति पीएम मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मेरी 11 अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से विस्तृत बातचीत हुई है।

इंफालः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने जातीय हिंसा प्रभावित राज्य की अपनी यात्रा के तीसरे दिन मणिपुर में कुकी और मेइती समुदायों के शिविरों का दौरा करने के बाद यह बात कही।

उन्होंने ट्वीट किया, "कांगपोकपी में एक राहत शिविर का दौरा किया और वहां कुकी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। हम मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और उनकी अपने घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने मणिपुर के कांगपोकपी में नागरिक संस्थाओं के साथ एक बैठक बुलाई थी और 'वे मणिपुर में समुदायों के बीच सद्भाव बहाली में सरकार के साथ सक्रिय रूप से भाग लेने के इच्छुक हैं।' इससे पहले, उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए तेंगनोपाल जिले में मोरेह सीमावर्ती नगर में एक समीक्षा बैठक की, जहां लगभग एक महीने से छिटपुट हिंसा हो रही है।

गुवाहाटी: पिछले एक माह में 80 से ज़्यादा लोगों की जान ले लेने वाले जातीय संघर्ष के बाद तनाव को कम करने की कोशिश के तहत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित मणिपुर के सीमावर्ती कस्बे मोरेह का दौरा करने वाले हैं।

सोमवार देर रात को इम्फाल पहुंचे अमित शाह ने बढ़ती जातीय हिंसा को रोकने के लिए कुकी और मैतेई समुदाय के विभिन्न नेताओं, शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों और मणिपुर कैबिनेट के साथ बैठकें कीं। पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य में अमन बहाली के उद्देश्य से केंद्रीय गृहमंत्री ने मंगलवार को कुल 9 बैठकें कीं, जिनमें एक सर्वदलीय बैठक भी शामिल थी।

मोरेह कस्बा जारी अशांति से बेहद प्रभावित है और गृहमंत्री का दौरा बुधवार सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुआ, जहां वह कुकी नागरिक समाज समूहों के साथ बातचीत करेंगे और मौजूदा सुरक्षा उपायों का आकलन करेंगे।

इसके बाद दोपहर 1 बजे के आस-पास अमित शाह कांगपोकपी जिले का दौरा करेंगे। जो कुकी-बहुल इलाका है, लेकिन वहां मैतेई समुदाय के भी कई गांव हैं।

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